गोलमिर्च के गुण और इसके फायदे

गोलमिर्च (Piper nigrum)

गोलमिर्च के गुण, फायदे और घरेलू एवं देसी नुस्खे, Benefits of Black Pepper in hindi, Golmirch ke gun, fayde aur gharelu ewam desi nuskhe.
Benefits of black pepper in hindi
अपच :- एक चम्मच गोलमिर्च गरम कर कूट लें और एक ग्लास पानी में तीन मिनट तक उबाल दें। उसमें एक मुट्ठी तुलसी पत्ता डालकर आग पर से उतार दें और ढक्कन लगाकर पाँच मिनट तक रख दें । एक का दिन में दो बार सेवन करें ।

खाँसी, सदी, फ्लू :- (a) एक चम्मच गोलमिर्च में एक चम्मच घी मिलाकर भून लें । उसको दो चम्मच चीनी के साथ पीस लें । एक चुटकी बराबर ( हर 10 मिनट पर) खाते रहें ।
(b) गोलमिर्च का 1/2 चम्मच चूर्ण एक पके हुए केले के साथ अच्छी तरह मिला दे । उसको तीन बार सेवन करें ।

मलेरिया :- आधा चम्मच गोलमिर्च का चूर्ण एक कप पानी में उबाल कर एक-एक कप प्रत्येक दो या तीन घंटे पर 5-7 दिनों तक सेवन करें । भोजन के लिए केवल हल्की, तरल चीज़ (liquid diet) दें ।

पुराना मलेरिया (chronic maleria):- एक बडा चम्मच गोलमिर्च कूट कर दो ग्लास पानी में उबाल कर 1/2 ग्लास काढा तैयार करें। उसको रात भर ( 8-12 घंटे) ठंडा होने दें । सबेरे छान कर खाली पेट सेवन करें। एक खुराक सुबह-शाम पी सकते हैं । (जिनको पेप्टिक अलसर है, इस दवाई का सेवन न करें)
बुखार :- एक चम्मच तुलसी पत्ते के रस में 1/4 चम्मच गोलमिर्च का चूर्ण मिला दें और थोड़ा शहद मिला कर दिन में 2 बार 3 -4 दिनों तक सेवन करें।

तम्बाकू का नशा :- 2-3 गोलमिर्च चबाकर रस पिएं।

पूरे शरीर पर खुजली :- 100 मि०ली० नारियल-तेल में एक चम्मच गीलमिर्च का चूर्ण डालकर एक बार उबाल दें और देह पर लगा दे ।

हैजा (cholera) :- गोलमिर्च, हींग और अफीम 20-20 ग्राम पीस लें । इसकी 16 गोलियाँ तैयार करें। मात्रा : 1 गोली हर 2 घंटे, चार बार तक (इस को ज्यादा लेना हानिकारक है ।)

सौंफ के फायदे - Fennel seeds ke desi nuskhe

सौंफ (Foeniculum vulagare) 

सौंफ के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू एवं देसी नुस्खे/उपचार - Benefits of Fennel seeds in hindi, Saunf ke aushadhiy gun, fayde aur gharelu ewam desi nuskhe/upchar.

Befits of Fennel seeds in hindi

आँख का तनाव और तकलीफ (eyestrain eye irritation) :- एक कप पानी में 1/2 चम्मच सौंफ डालकर उबाल दें और 1/4 कप काढा तैयार करें । कढ़े को  छान कर ठंडा होने दें । इसे आँख लोशन (eye drop) के रुप में उपयोग कों । 
पेट दर्द, पेट में गैस (colic) :- एक कप दूध में एक चम्मच सौंप उबाल कर पिएँ ।

बच्चे के पेट दर्द (child colic):-  एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबल लें और इसे  20 मिनट तक ठंडा होने दें। इस घोल को शिशु को चम्मच से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएँ।  शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए ।

मासिक धर्म में कमी, माँ के दूध की कमी, पसीना न होना :- एक बड़ा चम्मच सौंफ एक लीटर उबलते यानी में डाल दें । आग पर से पानी उतार कर उसको 20 मिनट तक ढंक दें । एक कप पानी दिन में दो बार सेवन करें।

खांसी, आवाज मधुर करने के लिए:- सिंकी हुई सौंफ मिश्री के साथ खाएं।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए:- खाना खाने  के लगभग आधा घंटा के  बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। सौंफ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए:- बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीस लें. इस मिश्रण को रोज दोपहर और रात में खाना खाने के बाद सेवन करने । इससे  स्मरण शक्त‍ि बढ़ती है.

हाथों और पैरों में जलन:- सौंफ के पाउडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर भोजन करने के बाद लें।

मुंह की दुर्गंध:-  नियमित रूप से दिन में तीन से चार बार आधा चम्मच सौंफ चबाएं।

अपच :- बिना तेल के सौंफ को तवे में हल्का भून लें। अब इसमें बिना सौंफ को मिलाकर सेवन करें।

खूनी बवासीर:- धनिया, सौंफ, जीरा आदि को बराबर मात्र में लेकर इनका काढ़़ा बना लें । और 1 चम्मच देसी घी के साथ मिलाकर सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है।