धनिया पत्ती के रस से बंद होता है नाक से खून का निकालना

गर्मी में कुछ लोगों को नाक से खून बहने (Naak se khoon bahna) की शिकायत होती है। यह शिकायत मुख्यतः बच्चों में ज्यादा होती है। इसे नाकसीर (Naaksir) कहते हैं। कुछ को अधिक गरम पदार्थ खाने से भी नाकसीर (Naakseer) हो जाता है। प्रस्तुत है कुछ घरेलू नुस्खे जिनके प्रयोग से इस समस्या से बचा जा सकता है। (Home remedies for bleeding from nose in hindi)। 
धनिया पत्ती के रस से बंद होता है नाक से खून का निकालना


  • प्याज को काट कर नाक के पास रखें और सूंघें। 
  • काली मिट्टी पर पानी छिड़क कर सूंघें। 
  • रुई के फाहे को सफ़ेद सिरका में भिगो कर नाक पर रखें, खून बहना बंद हो जायेगा। 
  • कुर्सी पर बिना टेक लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से संस लें। 
  • ठंडे पानी में भीगे हुए रुई के फाहे नाक पर रखें। रुई के फाहों को भिगो कर फ्रिजर में रखें। ठंडा होने पर इससे सेकें। 
  • धनिये की पट्टियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डालें। 
  • सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से भी राहत मिलेगी। 
  • ठंडा पानी की धार सिर पर डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है। 
  • बच्चों को पानी में मिश्री या बताशा मिला कर पिलाने से नाकसीर बंद हो जाती है। 
  • थोड़ा-सा सुहागा पानी में घोल कर नथुनों पर लगाएँ, इससे भी नाकसीर तुरंत बंद हो जाती है। 
  • शीशम या पीपल के पत्तों को पीस कर 4-5 बूंद रस नाक में डालें, तो तुरंत आराम मिल जाता है। 
  • शीशम के पत्ते पीस कर शरबत सुबह-शाम 15 दिन तक पीएं। नाकसीर खत्म हो जायेगा। 

विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सोंठ का प्रयोग

अदरक को सूखा कर सोंठ (Sonth) बनायी जाती है। सोंठ का उपयोग (Sonth ka upyog) हर घर में दाल-साग के मसालों में होता है। इसमें स्वास्थ्य के लिए कई लाभदायक गुण होते हैं। हमारे शरीर के लिए सोंठ बहुत फायदेमंद है (Sonth ke fayde)। प्रस्तुत है इसके कुछ घरेलू उपचार (Sonth ke gharelu nuskhe)। 

विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सोंठ का प्रयोग
  • सोंठ के चूर (Sonth ka churn) में गुड़ और घी डाल कर छोटे लड्डू बनाएँ और सुबह खाएं। वायु विकार और जुकाम दूर होगा। 
  • थोड़ा सोंठ का चूर्ण और गुड़ को एक चम्मच घी में मिलाएँ और थोड़ा पानी मिला कर गरम करके रबड़ी जैसा बनाएँ। रोज सुबह इसे चाटने से तीन दिनों में सर्दी-जुकाम दूर हो जाती है। 
  • सोंठ का काढ़ा बना कर पीने से देह की कांति बढ़ती है, चित प्रसन्न रहता है और शरीर पुष्ट होता है। 
  • सोंठ, चोटी हरड़ और नागरमोथा का चूर्ण बराबर मात्रा में लें, इसमें दुगुना गुड़ डालें। चने के बराबर गोलियां बना कर चूसें। खांसी और दमा दूर होगी। 
  • सोंठ और ज्वाखार बराबर लेकर घी के साथ छतें और ऊपर से गरम पानी पीएं। इससे अजीर्ण मिटता है। 
  • सोंठ और गुड़ को पानी में मिला कर नाक में उसकी बूंदें डालने से हिचकी दूर होती है। 
  • सोंठ और गुड़ खाने से पीलिया मिटता है। 
  • सोंठ, आंवले और मिश्री का बारीक चूर्ण बना कर सेवन करने से अमलपित्त मिटता है। 
  • सोंठ के रस  (Sonth ke ras) में हल्दी, गुड़ डाल कर पीने से धातुस्राव रुकता है, पेशाब में जानेवाली धातु भी बंद होती है।