घर के रसोई से संबन्धित कुछ रोचक किचन टिप्स और ट्रिक्स (Kitchen Tips and Tricks in hindi)

रसोई (Kitchen) में काम करते हुए हमे इससे संबन्धित अनेक चीजों की जानकारी आवश्यक है जिससे ना केवल हम समय की बचत कर सकते हैं बल्कि अपने सामानों को खराब होने से बचा सकते हैं।

प्याज को तुरंत फ्राय कैसे करें:- जब भी हम अपने घर में पुलाव या बिरयानी आदि बनाते हैं तो हमे फ्रायड प्याज की आवश्यकता होती। थोड़े प्याज को तलना तो आसान है पर जब प्याज की मात्रा अधिक हो तो तलने में काफी समय लग जाता है। अतः जब भी आपको ज्यादे मात्रा में प्याज को भूंजना हो तो इसके लिए किचन टिप्स (Kitchen Tips) यह है की प्याज को फ्राय करते वक्त उसमें एक चम्मच शक्कर मिला दीजिये। ऐसा करने से न केवल प्याज जल्दी फ्राय होता है बल्कि यह क्रिप्सी भी हो जाता है। 
अदरक - लहसुन के पेस्ट को ज्यादा दिन सुरक्षित कैसे रखें:- अक्सर कोई भी सब्जी बनाने के वक्त हमें रोजाना अदरक और लहसुन के पेस्ट की जरूरत होती है। अतः हमे रोजाना इसका पेस्ट बनाना पड़ता है। परंतु आज के काम-काजी महिलाओं के पास वक्त की कमी है। जिसके कारण वे रोज-रोज इस तरह का पेस्ट तैयार नहीं कर पाती है। इसके लिए किचन टिप्स (Kitchen Tips) यह है की आप एक ही बार अधिक मात्रा में अदरक और लहसुन का पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट में एक छोटा चम्मच गर्म तेल मिला दें। ऐसा करके पेस्ट को फ्रिज में रखने से यह कई दिनों तक सुरक्षित रहता है। 

अदरक का छिलका तुरंत कैसे निकालें:- अदरक का छिलका किसी चाकू के अपेक्षा किसी छोटे और पतले चम्मच से निकालने से छिलका जल्दी निकलता है।

एल्युमीनियम के जले हुए पैन की सफाई कैसे करें:- यदि किसी एल्यूमिनियम पैन में खाना बनाते वक्त  खाना जल जाता है तो इस तरह पैन पर हुए दाग को साफ करने का किचन टिप्स (Kitchen Tips) यह है की जले हुए पैन में एक प्याज और पानी डाल कर अच्छी तरह उबाल लें। इसके बाद बर्तन धोने के पाउडर से इसे साफ कर लें। आपका पैन चमक उठेगा।

माइक्रोवेव ओवन से आने वाले स्मेल को दूर कैसे करें:- यदि आपके माइक्रोवेव से स्मेल आने लगे तो किचन टिप्स यह है की पुदीने के पत्तियों को एक बाउल में रख कर पानी भर दें। अब इसे ओवन में रख कर ओवन को 10 मिनट तक चलने दें। इसके बाद पुदीने की पत्तियों को ओवन में एक घंटे तक रहने दें। ऐसा करने से आपके माइक्रोवेव का स्मेल खत्म हो जाएगा।   


  • नूडल्स उबालने के बाद अगर उसमें ठंडा पानी डाल दिया जाये तो वह आपस में चिपकेंगे नही।
  • क्रिस्पी पकौड़े बनाने के लिए बेसन में थोड़ा-सा कॉर्नफ्लोर या चावल का आटा मिलाएं।
  • 1 माह में 1 बार मिक्सर में नमक डाल कर चला देने से मिक्सर के ब्लेड तेज हो जाते हैं।
  • पनीर को तेल में फ्राई करने की बजाय उबले पानी में थोड़ी देर के लिए डालें, इससे पनीर सॉफ्ट और स्पंजी बनता है।
  • रसोई घर ऐसा होना चाहिए जिसमें दिन में पर्याप्त मात्रा में रोशनी आनी चाहिए. रसोईघर में दिन में भी अँधेरा होना वास्तु के हिसाब से भी सही नहीं है और न तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा है।
  • अगर रसोई में कहीं कोई चिपचिपी चीज गिर जाए, तो उसके ऊपर ब्‍लीच डाल दीजिए और फिर उसे ब्रश से साफ कर लीजिए।
  • लहसुन को हल्का-सा गर्म कर देने के बाद लहसुन को छिलने में बहुत सुविधा होती है।
  • फर्श को चमकने के लिए 1 कप सिरका में गरम पानी डालकर फर्श को साफ करने से यह चमकने लगता है।
  • आटा गूंधते वक्त पानी के साथ थोड़ा-सा दूध मिलाने से रोटी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाती है।
  • चीनी के डिब्बे में 6-7 लौंग डाल देने से चीनी में चीटियाँ नहीं लगती है।
  • एक चम्मच चीनी को भूरा होने तक गरम कीजिए और फिर इसे केक के घोल में गर्म किए हुए चीनी को मिला दीजिए. इससे केक का रंग अच्छा हो जायेगा।
  • कटे हुए सेव में नींबू की कुछ बूंदें डालने से सेव के ऊपर का भाग काला नहीं होगा।
  • सारे बर्तन रात में हीं साफ कर लीजिए, यह वास्तु के हिसाब से भी सही है. और आपकी सेहत के लिए भी एक सही आदत है. और इसका एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि सुबह-सुबह उठकर बर्तन धोने का झंझट आपको नहीं रहेगा।
  • आलू के पराठें बनाते वक्त आलू के भरते में थोड़ी-सी कसूरी मेथी दालें. इससे पराठों का स्वाद बढ़ जायेगा।
  • मिर्ची के डिब्बे में थोड़ी-सी हींग डाल दीजिए, इससे मिर्च ज्यादा वक्त तक चलेगा।
  • कड़े नींबू को गरम पानी में थोड़ी देर के लिए छोड़ देने के बाद फिर उसे काटने से निम्बू से ज्यादा रस निकलता है।
  • चावल में एक चम्मच तेल और कुछ बूंद नींबू का रस मिलाने पर, पक जाने के बाद चावल खिला-खिला रहता है।
  • दाल बनाते वक्त 1 चुटकी पिसी हुई हल्दी और बादाम तेल की कुछ बूंदे डालने से दाल जल्दी पक जाता है और इसका स्वाद भी अच्छा लगता है।
  • मिर्चों के डंठल को तोड़ कर मिर्चों को फ्रिज में रखने से मिर्चें लम्बे समय तक टिकती हैं।
  • अगर आप रात में चना भिंगोना भूल गई हों, तो उबलते हुए पानी में चने को भिंगोयें. इससे चना जल्दी फूल जायेगा।
  • अगर किचन में काम करते वक्त आप जल जाएँ, तो उस स्थान पर बर्फ रगडें, आलू पीसकर लगाएँ, घी या नारियल तेल लगाएँ या केले को मैश्कर लगाएँ।
  • फूलगोभी की सब्जी में फूलगोभी का रंग न जाए, इसके लिए आप फूलगोभी की सब्जी बनाते वक्त उसमें 1 चम्मच दूध डाल सकती हैं।
  • रसोई के कोनों में बोरिक पाउडर छिड़किये इससे तिलचट्टे आपको परेशान नहीं करेंगे।
  • अगर आप चाहती हैं, कि सिंक और गैस चूल्हा दोनों हमेशा साफ दिखें, तो आपको हर रात इनकी सफाई करनी चाहिए. सिंक को साफ करने के लिए गर्म पानी का उपयोग करना चाहिए।
  • माइक्रोवेव को साफ़ करने के लिए 1 कटोरी में 2 कप पानी लीजिए और उसमें 1 चम्‍मच नींबू का रस डालिए. उसके बाद माइक्रोवेव को 5 मिनट तक चलाकर छोड़ दीजिए. उसके बाद माइक्रोवेव के भीतर को एक पेपर टॉवल लें कर साफ करें।
  • रसोई घर में गंदे चप्पल नहीं आने चाहिए, हो सके तो रसोई में करते वक्त बिना चप्पल के रहें. और अगर चप्पल पहनना हीं है, तो ऐसा चप्पल पहनें जिसे पहनकर आप बाहर या गंदे स्थानों पर न जाते हों।
  • नाश्ते में मौसम के अनुसार फल को शामिल कर सकती हैं, साथ हीं दूध जूस और अंकुरित अनाजों को भी शामिल कर सकती हैं. इससे नाश्ता पौष्टिक भी हो जायेगा और नाश्ता बनाने का झंझट भी नहीं रहेगा।
  • इडली का घोल तैयार करते समय उसमें थोड़े उबले चावल भी पीस दें, इससे इडली नरम बनती हैं। 
  • प्याज़ काटने से पहले उसके दो टुकड़े करके थोड़ी देर पानी में रखें, इससे काटते समय आंसू नहीं आएंगे।
  • उबले अंडे को थोड़ी देर ठंडे पानी में रखें, इससे छिलका आसानी से उतर जाएगा।
  • रोटी के बर्तन में अदरक के कुछ टुकड़े डालें, इससे रोटी नरम और ताज़ी बनी रहती है।
  • बड़ा बनाने के लिए बेसन का घोल ठीक से तैयार हुआ है या नहीं, यह जांचने के लिए घोल की कुछ बूंदे एक कप पानी में डालें, अगर वो तैरने लगें तो समझ लीजिए कि घोल का गाढ़ापन सही है।
  • करेले की कड़वाहट दूर करने के लिए काटने के बाद उसमें नमक मिलाएं और करीब आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
  • अगर अंडा टूट गया हो, तो पानी में 1 टीस्पून विनेगर डालकर अंडा उबालें, उसका लिक्विड बाहर नहीं आएगा।
  • हरी सब्जियों को प्लास्टिक में न रखें, इससे वो जल्दी ख़राब हो जाती हैं।
  • आलू और प्याज़ को एक साथ स्टोर न करें, इससे आलू जल्दी ख़राब हो जाते हैं।
  • अगर आलू के चिप्स बना रही हैं. तो आलू को काटकर क़रीब आधे घंटे के लिए ठंडे पानी में छोड़ दें, फिर डीप फ्राई करें. चिप्स क्रिस्पी बनेंगे।
  • भिंडी की सब्जी बनाते समय उसमें थोड़ा-सा निंबू का रस या आधा टीस्पून अमचूर पाउडर डालें, इससे भिंडी चिपचिपी नहीं होगी।
  • पूरी या पकौड़े तलते समय तेल में चुटकीभर नमक दाल दे, इससे पकौड़े कम तेल सोखेंगे. इससे तेल की बचत के साथ ही आपकी सेहत भी ठीक रहेगी।
  • फ्रिज के भीतरी भाग की सफाई करने के लिए आपको गरम पानी और बेकिंग सोडा का उपयोग करना चाहिए. और इसके बाद फ्रिजर को भी साफ करना चाहिए।
  • हरी सब्ज़ी पकाते समय उसमें चुटकीभर शक्कर डालें, इससे पकने के बाद भी सब्जी का रंग हरा ही रहता है।
  • दाल को कीड़ो से बचाने के लिए अंडी के तेल (Castor oil) की कुछ बुँदे डाल दे, इससे दाल ख़राब नहीं होंगी।


प्रकाश के लिए एलईडी तकनीक (LED Technology) क्या है? कैसे यह अन्य स्रोतों की अपेक्षा ज्यादा प्रकाश देती है

एलईडी (LED) - लाइट इमीटिंग डायोड (Light Emitting Diode)
LED light bulb
एलईडी (LED) एक अर्ध चालक डायोड होता है। इसमें एक छोटा सा इलेक्ट्रोनिक चिप होती है जिसमें विद्युत प्रवाह करने पर आवेश उत्पन्न होता है, जिससे विद्युत ऊर्जा प्रकाश के रूप में उत्सर्जित होती है। इस तरह एलईडी विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है। एलईडी लाइट (LED Light) में सामान्य बल्ब की तरह फिलमेंट नहीं होता। इसमें सेमीकंडक्टर मेटीरियल होता है, जिसमें इलेक्ट्रॉन के प्रवाह से प्रकाश पैदा होती है। एलईडी के प्रकाशोत्पादन में इसका मुख्य घटक गैलियम आर्सेनाइड होता है। यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में बहुत उन्नत है जिसमें ऊर्जा की खपत बहुत कम मात्रा में होती है। इसके द्वारा उत्पन्न प्रकाश का रंग लाल, हरा, नीला, पीला, दूधिया कुछ भी हो सकता है। एलईडी कई प्रकार (Types of LED) की होती है जिनमें फ्लैशिंग, मिनीचर, हाइ पावर, अल्फा-न्यूमेरिक, बहुवर्णी और ओएलडी (ओर्गेनिक एलईडी) प्रमुख है। इन एलईडी का प्रयोग (Use of LED) इलेक्ट्रोनिक सामानों जैसे लैपटॉप, विडियों गेम, पीडीपी, टैबलेट, स्मार्टफोन आदि में होता है। वर्तमान में इसका प्रयोग घरों और स्ट्रीट लाइट में भी बहुतायत में हो रहा है। 
एलईडी की खोज (Innovation of LED)

वैसे तो एलईडी की खोज बहुत पुरानी है। इस तकनीक (Technology) का आविष्कार सन 1927 ई० में ओलेग लोसेव द्वारा किया गया था। परंतु उस समय इसका विकास नहीं हो पाया था। इसके बाद सन 1962 में न्यूयार्क के निक होलोयक ने एलईडी का इन्वेन्शन किया। सन 1968 में एलईडी का निर्माण सर्वप्रथम शुरू हुआ। इस एलईडी का रंग लाल (Red LED)  था और यह लो ईंटेंसिटी का था। यह कम विजिबल और कम ब्राइटनेस वाला एलईडी था। इसके पश्चात सन 1972 ई० अमेरिका का एम जॉर्ज क्रेफोर्ड ने पीली एलईडी (Yellow LED) की खोज की। वैसे तो पाँच दशक पहले ही लाल एवं हरा एलईडी की खोज की जा चुकी थी परंतु नीला एलईडी की खोज नहीं हो पाने के कारण सफ़ेद या दूधिया (White) प्रकाश का उत्सर्जन मुमकिन नहीं हो पाया था। आखिरकर, सन 2014 ई० में जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नकमोरा को नीला एलईडी की खोज (Innovation of Blue LED)  में सफलता मिली जिसके लिए उन्हें फिजिक्स का नोबल पुरस्कार दिया गया। 

विद्युत ऊर्जा की कम खपत

विशेषज्ञों के अनुसार पूरे विश्व में विद्युत का 20 से 25 प्रतिशत प्रयोग केवल रोशनी पाने के लिए किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार विश्व के सभी पुराने बल्बों को हटा कर एलईडी बल्व (LED Bulb) लगा दिया जाए तो विद्युत की खपत काफी कम हो जाएगी तथा 2030 तक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में लगभग 16 अरब तन की कमी आ सकती है। 

एलईडी लाइट (LED Light) लगभग 83 ल्यूमेन्स प्रति वॉट ब्राइटनेस देता है जबकि इसके मुक़ाबले सीएफ़एल 67 ल्यूमेन्स प्रति वॉट और फिलमेंट वाले बल्ब मात्र 16 ल्यूमेन्स प्रति वॉट ही ब्राइटनेस देती है। ऐसा इस लिए होता है क्योंकि जब एलईडी बल्ब में बिद्युत प्रवाह किया जाता है तो विद्युत ऊर्जा का कुछ ही हिस्सा ताप ऊर्जा में परिवर्तित होता और ज़्यादातर बिद्युत ऊर्जा प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है जबकि सामान्य बल्व में केवल 10 प्रतिशत विद्युत ऊर्जा ही प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो पाती है। 

एलईडी से संबन्धित कुछ रोचक तथ्य


  • सामान्य बल्व से बिजली के झटके लग सकते है लेकिन एलईडी बल्व से झटका नहीं लगता है। यह शॉक रेसिस्टेंट होता है। 
  • सीएफ़एल में मरकरी का प्रयोग होता है जो प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। इसके टूटने से इसमें स्थित मरकरी वातावरण में फैल जाता है जो वातावरण को प्रदूषित करता है। परंतु एलईडी में मरकरी का प्रयोग नहीं होता है इसलिए यह प्रदूषण रहित है। 
  • एलईडी साधारण बल्व एवं सीएफ़एल की अपेक्षा काफी तेज रोशनी होता है। 
  • एलईडी बल्व को कुल लाइट भी कहा जाता है क्योंकि एलईडी बल्व गरम नहीं होता है। 
  • पूरे विश्व में लगभग 30 करोड़ स्ट्रीट लाइट में एलईडी का प्रयोग हो रहा है। 


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