जटायु नेचर पार्क केरल के कोल्लम जिले के चदयामंगलम गाँव में बनाया गया है। इसे मलयालम फ़िल्ममेकर रजीव अंचल के नेतृत्व में तैयार किया गया। एक पहाड़ के ऊपर लगभग 15,000 वर्ग फूट के एक प्लेटफॉर्म पर एक विशाल पक्षीराज जटायु की प्रतिमा बनवाई गई है। यह विशाल प्रतिमा 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊंची है। यह प्रतिमा उस जगह पर बनाई गई है जहां पक्षीराज जटायु रावण से युद्ध करते हुए घायल होकर गिर पड़े थे।
रामायण के अनुसार, जब रावण सीता का हरण कर लंका ले जा रहे थे तो पक्षीराज जटायु की नजर उस पर पड़ी। जटायु ने सीता को बचाने के लिए रावण से युद्ध किया। युद्ध के दौरान रावण ने जटायु के पंख काट दिया जिससे जटायु घायल हो कर जमीन पर गिर पड़े और अपना प्राण त्याग दिये। जिस स्थान पर पक्षीराज जटायु ने प्राण त्यागा था उसी स्थान पर पक्षी का एक विशाल प्रतिमा का निर्माण कराया गया जिसे 'जटायु नेचर पार्क' नाम दिया गया।
इस स्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशाल प्रतिमा के साथ-साथ 6डी थियेटर और डिजिटल म्यूजियम भी बनवाए गए हैं। ये म्यूजियम आपको रामायण में वर्णित जटायु के कथाओं का झलक दिखाएगा। इसके अलावा केरल के प्रसिद्ध और प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा की भी व्यवस्था होगा।