कौड़ी का दर्द (Kauri ka dard)




कौड़ी का दर्द


         कभी-कभी छाती के बीच में जहां दोनों ओर से पसलियां आकर आपस में मिलती है वहां दर्द होने लगता है। छाती के बीच में हुए इस दर्द को कौड़ी का दर्द कहते हैं। कौड़ी का दर्द अधिक बादी पैदा करने वाली चीजों के सेवन से होता है।परिचय :

भोजन तथा परहेज :

          रोगी को चावल, कच्चा दूध, दही लस्सी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। रोगी को खाना खाने के बाद खाना पचने तक सोना नहीं चाहिए। रोगी को खाने में गेहूं का दलिया, गेहूं की रोटी, मूंग की दाल लेनी चाहिए।
विभिन्न औषधियों के द्वारा रोग का उपचार :
1. हींग : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग भुनी हुई हींग को बिना गुठली वाले मुनक्का में रखकर पानी के साथ दिन में 2 बार लेने से कौड़ी का दर्द दूर होता है और हिचकी बन्द होती है।
2. अमृतधारा : अमृतधारा की 5 बूंद बूरा में डालकर सेवन करने से कौड़ी का दर्द शान्त होता है।
3. पानी : अमृतधरा की पांच बूंद पानी में डालकर सेवन करने से कौड़ी का दर्द दूर होता है।
4. बर्शाशा : अगर कौड़ी का दर्द हो तो उसे कम करने के लिए 2 ग्राम बर्शाशा का सेवन करने से रोग में फायदा मिलता है।
5. सौंफ :