हाथ-पैरों की जलन hath pairon ki jalan

हाथ-पैरों की जलन

           हाथ-पैरों में खुजली होने को हाथ-पैरों की जलन कहते हैं। इसके साथ सूजन तो नहीं होती है लेकिन जलन इतनी अधिक होती है कि हाथ व पैरों को पानी में डुबोकर रखने के लिये रोगी मजबूर हो जाते हैं। यह रोग स्त्रियों में अधिक होता है।परिचय :

1. गुलकन्द- 6 से 10 ग्राम की मात्रा में गुलकन्द को दूध या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से शरीर के बाहरी अंग जैसे हाथ-पैरों की जलन, तलुवों की जलन और आंखों की जलन या आंखों से पानी निकलना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
2. मेथी : हाथ-पैर की जलन में मेथी के पत्तों को अच्छी तरह से पीसकर मालिश करने से हाथ-पैरों की जलन मिट जाती है।
3. प्याज : प्याज का रस और सरसों के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से रोगी को लाभ मिलता है।
4. एरण्ड : एरण्ड के तेल को बकरी के दूध में मिलाकर हाथ-पैरों पर मालिश करने से लाभ मिलता है।
5. सिनुआर : हाथ-पैरों की जलन होने पर सिनुआर के पत्तों को अच्छी तरह से पीसकर हाथ-पैरों पर लेप करने से हाथ-पैरों की जलन में लाभ होता है।
6. चंदन : हाथ-पैरों की जलन को दूर करने के लिए हाथ-पैरों पर सरसों के या चंदन के तेल की मालिश करें।
7. कद्दू : कद्दू के बीज हाथ-पैरों पर मलने के बाद थोड़ी देर रखकर खारे पानी में प्रतिदिन धोने से हाथ-पैरों की जलन दूर हो जाती है।
8. शणपुष्पी : शणपुष्पी (सनई, पटसन) के पत्तें को पीसकर लेप करने से हाथ-पैरों की जलन दूर हो जाती है। यह औषधि हाथ-पैरों को ठंडक प्रदान करती है।
9. बेर : हाथ-पैरों की जलन व पसीना अधिक आने पर बेर के पत्तों को पीसकर हाथ-पैरों पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।
10. बड़ी लोणी : हाथ-पैरों की जलन कम करने के लिए बड़ी लोणी (बड़ी नोनी साग) को पीसकर लेप करने से लाभ मिलता है।
11. घी : हाथ-पैर में जलन हो तो इसके लिये गाय के घी से मालिश करने से रोगी को लाभ मिलता है।
12. मेहंदी : मेहंदी के पत्तों को पीसकर लगाने से हाथ-पैरों की जलन दूर हो जाती है।
13. बंशलोचन : हाथ-पैरों की जलन व अधिक पसीना आने वाले रोगी को 1 ग्राम बंशलोचन को शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से आराम होता है।
14. कीकर : कीकर की पत्तियों को छाया में सुखाकर और पीसकर हाथ-पैरों पर मलने से रोगी को लाभ मिलता है। हाथ-पैरों पर पसीना अधिक आने पर पत्तियों को मलने से पसीना आना बंद हो जाता है।
15. फिटकरी : हाथ-पैरों की जलन दूर करने के लिए पानी में फिटकरी घोलकर हथेली और तलुवों को धोने से अधिक पसीना आना बंद हो जाता है और हाथ-पैरों की जलन भी दूर हो जाती है।
16. तेल : पैरों के तलुवों पर सरसों का तेल या चंदन का तेल मलने से रोगी को लाभ पहुंचता है।
17. मक्खन : मक्खन और मिश्री को समान मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच की मात्रा में रोजाना सुबह सेवन करने सें लाभ होता है।
18. आम : आम की बौर (फल लगने से पहले निकलने वाले फूल) रगड़ने से हाथ-पैरों की जलन मिट जाती है।
19. जंगली प्याज  : ताजे जंगली प्याज को पत्थर पर घिसकर लेप बना लें। इस लेप को 2 बार पैरों के तलवे पर लगाने से लाभ होता है।

हाथ पैरों की ऐंठन hath pairon ki ainthan

हाथ पैरों की ऐंठन


     हाथ व पैरों में ऐंठन शरीर में विटामिन `बी´ की कमी से होती है। शरीर में विटामिन की कमी के कारण हाथ, पैरों व पेट के अन्दर की मांसपेशियों में एक तरफ सिकुड़न होने से बहुत तेज दर्द होता है जिसे मसलने से थोड़ा आराम महसूस होता है।परिचय
:

1. सेंधानमक- 250 मिलीलीटर पानी में 10 ग्राम सेंधानमक मिलाकर इस ठण्डे पानी में हाथ व पैरों को डुबोकर रखने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर होती है। इसके घोल से मालिश करने से भी हाथ-पैरों की ऐंठन में लाभ होता है।
2. अखरोट- हाथ-पैरों पर अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
3. अड़ूसे-
4. नारंगी- हाथ-पैरों की ऐंठन में 25 से 50 मिलीलीटर की मात्रा में नारंगी के फलों का रस पीने से आराम मिलता है।
5. देवदारू- देवदारू और सोंठ को पीसकर इसमें गुड़ मिलाकर गोली बनाकर खाने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
6. चम्पा- हाथ-पैरों पर चम्पा के फूलों का तेल बनाकर मालिश करें। इससे ऐंठन वाला दर्द ठीक हो जाता है।
7. सहजना- हाथ-पैरों की ऐंठन में सहजना की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है।
8. धतूरा- काला धतूरा, आक, पीलवान और लाल एरण्ड के 5-5 पत्तें गर्म आग में जलाकर तिल के तेल में मिलाकर उसकी मालिश करके धूप में बैठने से साइटिका (गृध्रसी) रोग मिट जाता है।
9. मूली- मूली के पत्तों का रस निकालकर मालिश करने से हाथ-पैरों के दर्द में लाभ मिलता है।
10. तगर- हाथ-पैर की ऐंठन दूर करने के लिए लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग की मात्रा में तगर का सेवन करने से लाभ मिलता है।
11. हुलहुल- 60 मिलीलीटर हुलहुल के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से हाथ-पैरों का दर्द ठीक हो जाता है।
12. तारपीन- तारपीन के तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
13. असगंध- 50-50 ग्राम असगंध, सुरज्जन मीठी, नागौरी, 25 ग्राम सोंठ और 120 ग्राम मिश्री को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस 4 से 6 ग्राम चूर्ण को प्रतिदिन सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लेने से पैरों के जोड़ व हाथ-पैरों का दर्द खत्म हो जाता है।
14. गाय का मूत्र (पेशाब)- 100 मिलीलीटर गाय के पेशाब में 30 ग्राम शुद्ध एरण्डी का तेल मिलाकर पीने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
15. बकायन- हाथ-पैरों की ऐंठन के रोग में 20 मिलीलीटर बकायन के पेड़ के अन्दर की छाल की ठण्डाई बनाकर पीने से लाभ मिलता है।
16. कुचला- हाथ-पैर की ऐंठन दूर करने के लिए असली कुचला को भूनकर व पीसकर रख लें। इसे लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में सुबह-शाम हलुवे के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है।
17. फिटकरी- 10 ग्राम भुनी हुई सफेद फिटकरी, 30 ग्राम सुरज्जन मीठी और 2 ग्राम गोंद कीकर को पीसकर थोड़ा पानी मिलाकर गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली दिन में 3 बार लेने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है। यह दवा खूनी बवासीर के लिये भी लाभकारी होती है। 
18. सरसों- हाथ-पैरों की ऐंठन दूर करने के लिए सरसों के तेल में कड़वा को कूटकर और सेंधानमक का चूर्ण डालकर मालिश करनी चाहिए।
19. नीम- हाथ-पैर की ऐंठन में नीम के तेल से मालिश करने से रोगी के हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
20. कालीमिर्च- प्याज के रस में कालीमिर्च को पीसकर पीने से हाथ-पैरों की ऐंठन में काफी लाभ होता है।
21. इमली- इमली को नींबू के रस में मसलकर चाटने से हैजा रोग में होने वाली सूजन मिट जाती है।
22. कपूर
23. जायफल- जायफल और तांबा को घिसकर सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
24. दालचीनी- हाथ-पैरों के रोग में दालचीनी का तेल 1-2 बूंद प्रतिदिन सेवन करने से लाभ होता है।
25. तीसी- तीसी के तेल और तारपीन के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर उसमें सेंधानमक डालकर मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
26. पिपरमिंट- तीसी के तेल और तारपीन को बराबर मात्रा में मिलाकर उसमें थोड़ा-सा कपूर और पिपरमिंट को डालकर मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन मिट जाती है।
27. सैंधवादि तेल- 10 से 20 मिलीलीटर सैंधवादि तेल की मालिश करने से अथवा दूध में डालकर प्रतिदिन 2 बार पीने से हाथ-पैरों की ऐंठन के रोगी को लाभ मिलता है।
28. अफीम-