अवसाद (उदासीनता)

अवसाद (उदासीनता)

          अवसाद एक दिमागी रोग है जिसमें मनुष्य को अपने जीवन में कमियां ही कमियां नजर आती हैं। इस रोग में व्यक्ति उदास रहने लगता है जिससे उसमें ऊर्जा की कमी होने लगती है और उसके जीवन से प्रसन्नता कम होने लगती है। मानसिक और शारीरिक उत्साह की कमी हो जाने को ही उदासीनता या अवसाद कहते हैं।परिचय :

कारण :

          मानसिक अवसाद के कारणों में अधिवृक्क ग्रंथि की कार्य प्रणाली मुख्य है। सब्जियों को खाने में कम प्रयोग करना और कार्बोहाइड्रेट (अनाज, चीनी, चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि) का खाने में अधिक मात्रा में लेने से अपच उत्पन्न होकर यह रोग पैदा होता है जिससे हृदय और फेफड़ों में दर्द होने लगता है और ऊतकों को ऑक्सीजन कम मात्रा में मिल पाती है जिससे दूषित वायु की मात्रा बढ़ जाती है और न चाहते हुए भी मानसिक उदासी व्यक्ति के अन्दर आ जाती है जो व्यक्ति दवाओं का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, उनके शरीर में विटामिन्स और खनिज पदार्थों का विपरीत असर पड़ता है जिससे मानसिक उदासी उत्पन्न होती है। मनुष्य के शरीर में यदि कैल्शियम की मात्रा की कमी हो जाए तो मधुमेह और यकृत (लीवर, प्लीहा) में कमजोरी आ जाती है जिससे मानसिक अवसाद उत्पन्न होता है।

अधिक नींद आना much sleeping)

अधिक नींद आना

(Too much sleeping)


        असमय
भोजन करने और अनिश्चित समय पर घूमने से अधिक नींद आती है। जिन लोगों को अधिक नींद आती हो उनका मन बाहरी वातावरण में होने वाली घटनाओं और कर्मेन्द्रियों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ग्रहण नहीं कर पाता है और उनका मन सो जाता है। जिस व्यक्ति को अधिक नींद आती है उसे बहुत आवाज लगाने पर भी वह नहीं जागता है जबकि एक सामान्य नींद वाला व्यक्ति तुरन्त ही जाग जाता है और उसकी ज्ञानेन्द्रियां और कर्मेन्द्रियां क्रियाशील रहती है।परिचय :

1. सौंफ : लगभग 10 ग्राम सौंफ को लगभग 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब यह पानी चौथाई रह जाए तो इसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे अधिक नींद आना कम होकर सुस्ती दूर होती है।
2. सिरका : अधिक नींद आने के रोग से पीड़ित रोगी को सिरका सूंघाना चाहिए।
3. कटेरी : कटेरी, गिलोय, पोहकरमूल, सोंठ, भारंगी और हरड़ बराबर मात्रा लेकर 20 ग्राम की मात्रा बना लें और इसे खूब बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छानकर आंखों में लगाने से नींद और सुस्ती दूर हो जाती है।
4. बच : बच को बारीक पीसकर आंखों में लगाने और सूंघने से नींद की बीमारी दूर हो जाती है।
5. सोंठ : सोंठ, बच, छोटी पीपल और सेंधानमक को बराबर भाग में लेकर बारीक पीसकर सूंघने से नींद की बीमारी खत्म हो जाती है।
6. सहजना : सहजना के बीज, सेंधानमक, सरसों और कूठ 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर महीन पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को बकरी के मूत्र में घोटकर सूंघने से नींद अधिक आने की बीमारी ठीक हो जाती है।
7. भांग : लगभग 25 ग्राम पिसी हुई भांग को पानी या दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नींद का अधिक आना बन्द हो जाता है।