अधिक नींद आना
(Too much sleeping)
असमय भोजन करने और अनिश्चित समय पर घूमने से अधिक नींद आती है। जिन लोगों को अधिक नींद आती हो उनका मन बाहरी वातावरण में होने वाली घटनाओं और कर्मेन्द्रियों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ग्रहण नहीं कर पाता है और उनका मन सो जाता है। जिस व्यक्ति को अधिक नींद आती है उसे बहुत आवाज लगाने पर भी वह नहीं जागता है जबकि एक सामान्य नींद वाला व्यक्ति तुरन्त ही जाग जाता है और उसकी ज्ञानेन्द्रियां और कर्मेन्द्रियां क्रियाशील रहती है।परिचय :
1. सौंफ : लगभग 10 ग्राम सौंफ को लगभग 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब यह पानी चौथाई रह जाए तो इसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे अधिक नींद आना कम होकर सुस्ती दूर होती है।2. सिरका : अधिक नींद आने के रोग से पीड़ित रोगी को सिरका सूंघाना चाहिए।
3. कटेरी : कटेरी, गिलोय, पोहकरमूल, सोंठ, भारंगी और हरड़ बराबर मात्रा लेकर 20 ग्राम की मात्रा बना लें और इसे खूब बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छानकर आंखों में लगाने से नींद और सुस्ती दूर हो जाती है।
4. बच : बच को बारीक पीसकर आंखों में लगाने और सूंघने से नींद की बीमारी दूर हो जाती है।
5. सोंठ : सोंठ, बच, छोटी पीपल और सेंधानमक को बराबर भाग में लेकर बारीक पीसकर सूंघने से नींद की बीमारी खत्म हो जाती है।
6. सहजना : सहजना के बीज, सेंधानमक, सरसों और कूठ 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर महीन पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को बकरी के मूत्र में घोटकर सूंघने से नींद अधिक आने की बीमारी ठीक हो जाती है।
7. भांग : लगभग 25 ग्राम पिसी हुई भांग को पानी या दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नींद का अधिक आना बन्द हो जाता है।