मस्तिष्क से रक्तस्राव

मस्तिष्क से रक्तस्राव

           दिमाग के अन्दर किसी कारण से शिरा फट जाने के कारण जब खून शिरा से बाहर निकलने लगता है तो उसे मस्तिष्क से खून का निकलना कहते हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी में मस्तिष्क में खून निकल जाने के कारण बेहोशी उत्पन्न हो जाती है।परिचय :

1. सहजना :
2. कस्तूरी : लगभग आधा ग्राम जबादकस्तूरी का शराब या अन्य किसी औषधि के साथ रोगी को खाने से मस्तिष्क की शिरा फट जाने के कारण उत्पन्न बेहोशी दूर होती है।
3. तगर (सुगंधबाला) : लगभग 2 से 5 बूंद तगर के तेल को गोंद के साथ मिलाकर दालचीनी के काढ़े के साथ लेने से मस्तिष्क की शिरा से खून निकलना बन्द होता है।
4. जटामांसी : जटामांसी को पीसकर रोगी की आंखों पर लेप की तरह लगाने से बेहोशी दूर होती है।
5. रोहिस घास : इस घास के पत्तों को मसलने से एक तरह का तेल निकलता है। इस तेल की बूंदों को रोगी की नाक में टपकाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
6. जमालगोटा : दिमाग में रक्तस्राव होने पर जमालगोटा के लगभग आधा ग्राम बीजों को एक बूंद तेल और मक्खन में मिलाकर चटाने से पतले दस्त आते हैं। एक बूंद तेल को मक्खन में मिलाकर बेहोश रोगी की जीभ पर रख देने से रोगी होश में आ जाता है। जब व्यक्ति को अधिक दस्त लग जायें, तो रोगी को कत्था को पानी में घिसकर नींबू का रस मिलाकर पिलाने से दस्त कम हो जाते हैं।
7. खजूर : जो लोग बार-बार बेहोश हो जाते हैं, उनको सुलेमानी खजूर घोटकर पीसकर शर्बत की तरह बनाकर पिलाने से बेहोशी दूर हो जाती है