घबराहट या बेचैनी

घबराहट या बेचैनी


          मन अशान्त रहना, दिल की धड़कन बढ़ना, किसी भी स्थिति में शान्ति का अनुभव न करना, घबराहट होना, सोने, बैठने या करवट बदलते रहने से भी शान्ति न मिलना आदि घबराहट व बेचैनी कहलाता है। घबराहट स्नायुतंत्र पर दबाव पड़ने या कमजोरी के कारण होती है।परिचय :

लक्षण :

1. तगर (सुगंधबाला) : लगभग आधे से एक ग्राम तगर का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ लेने से घबराहट दूर होती है और मानसिक अशान्ति दूर होती है।
2. सरपत (भद्रमुन्ज) : सरपत के पत्तों को पीसकर पानी के साथ पिलाने से अधिक प्यास लगने के कारण उत्पन्न बेचैनी व घबराहट दूर होती है।
3. डाभ (डाभ) : कुशा अथवा डाभ की जड़ को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में पीसकर दिन में 3 बार पिलाने से प्यास के कारण होने वाली घबराहट दूर होती है।
4. घी : एक ग्राम गाय का घी, 4 ग्राम गाय का दूध और थोड़ी सी मिश्री मिलाकर उबालकर इसमें असगंध नागौरी लगभग 3 से 6 ग्राम मिलाकर सुबह-शाम खाने से मानसिक और शारीरिक कमजोरी दूर होती है और घबराहट की शिकायत दूर होती है।
5. चना : लगभग 60 ग्राम चना और 25 किशमिश नियमित रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट चने व किशमिश खाएं। इससे घबराहट दूर होती है।
6. आंवला : 10 ग्राम आंवले के चूर्ण को इतनी ही मात्रा में मिश्री के साथ सुबह-शाम खाने से घबराहट समाप्त होती है।
7. धनिया : हरे धनिये के पत्ते पीसकर शर्बत की तरह सुबह-शाम पीने से घबराहट खत्म होती है।
8. अंगूर : अंगूर खाने से घबराहट दूर हो जाती है।
9. इलायची : इलायची के दानों को पीसकर खाने या शहद में मिलाकर चाटने से घबराहट व जी मिचलाना दूर होता है।
10. अर्जुन : अर्जुन की पिसी छाल दो चम्मच, एक गिलास दूध और दो गिलास पानी मिलाकर उबालें और जब पानी जलकर केवल दूध बचे तो इसमें दो चम्मच चीनी मिलाकर छानकर नित्य एक बार हृदय रोगी को पिलाएं। इससे हृदय सम्बंधी रोग और घबराहट व बेचैनी दूर होती है।