बेहोशी
बेहोशी को गश खाना या मुर्च्छा भी कहते हैं। इस रोग में रोगी चक्कर खाकर अचानक गिर जाता है और उसकी नाड़ी व सांस चलती रहती है लेकिन शरीर की क्रिया बन्द हो जाती है। हिस्टीरिया रोग से पीड़ित लड़कियों में मिर्गी के दौरे व बेहोशी उत्पन्न होती है।परिचय :
विभिन्न भाषाओं में नाम :
कारण :
लक्षण :
1. प्याज : हिस्टीरिया रोग से पीड़ित लड़कियों में बेहोशी आने पर प्याज का रस सुंघाना चाहिए। इससे बेहोशी दूर होती है।2. अगस्ता : अगस्ते के पत्तों का रस 4 बूंदे नाक में टपकाने से बेहोशी दूर होती है।
3. कायफल : रोगी की नाक के पास कायफल के चूर्ण को अंगुली पर रखकर फूंकने से छीके आकर बेहोशी दूर होती है।
4. पोदीना :
8. अदरक :
कालीमिर्च का बारीक चूर्ण रोगी की नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है।
कालीमिर्च, बेर का गूदा, खस तथा नागकेसर बराबर मात्रा में पीस लें और फिर पानी में घोलकर रोगी को धीरे-धीरे पिलाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
कालीमिर्च, शहद, सेंधानमक और मैनसिल बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर इसके चूर्ण को रोगी की नाक में डालने से बेहोशी दूर हो जाती है।
तुलसी के पत्तों के रस में कालीमिर्च का चूर्ण पीसकर रोगी को सुंघाने से हिस्टीरिया में बेहोशी के दौरे समाप्त होते हैं।
कालीमिर्च, मैनसिल, महुआ, सेंधानमक और बच बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पानी के साथ सुंघाने से किसी भी प्रकार की बेहोशी दूर हो जाती है।
किसी नली में कालीमिर्च के चूर्ण को रखकर रोगी की नाक में फूंक मारने से बेहोशी दूर हो जाती है।
11. दूध :
13. सोंठ : सोंठ, छोटी कटेरी, गिलोय और पीपलामूल को समान मात्रा में लेकर एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिलाने से बेहोशी दूर होती है।
14. अरीठा : 3-4 रत्ती अरीठे को पानी में मसलकर नाक में डालने से प्रत्येक दौरे के समय ऐसा करने से सदैव के लिए दौरे की बीमारी दूर होती है।
15. अरहर : आधा घंटे तक अरहर की दाल को एक कप पानी में भिगोकर रखने के बाद रोगी की नाक में एक-एक बूंद करके डालने से बेहोशी दूर होती है।
16. सेंधानमक :
21. लौंग : लौंग को घी या दूध में पीसकर आंखों में लगाने से हिस्टीरिया की बेहोशी दूर होती है।
22. नौसादर : नौसादर और चूने को बराबर भाग में लेकर एक शीशी में भरकर रख दें और कुछ देर तक उसका ढक्कन बन्द करके रख दें और कुछ देर बाद इसके मुंह को खोलकर बेहोश व्यक्ति की नाक के आगे लेकर जायें इससे हिस्टीरिया से बेहोश रोगी जल्दी ही होश में आ जाता है।
23. शहद : शहद में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग रस सिन्दूर और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग पीपल के चूर्ण को मिलाकर रोगी को चटाने से बेहोशी दूर हो जाती है। रोगी को कुएं या फ्रीज के ठंड़े पानी से स्नान कराने से बेहोशी दूर हो जाती है।
24. गांवजुबां : लगभग 30 मिलीलीटर गांवजुबां का रस सुबह और शाम को बराबर मात्रा में देने से बेहोशी दूर हो जाती है। इससे हृदय और मस्तिष्क सम्बंधी विकार दूर हो जाते हैं।
25. सौंफ : सौंफ के साथ 0.12 ग्राम केसर के रस को मिलाकर खाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
26. रीठा : पानी में रीठे को पीसकर 2-3 बूंद पानी नाक में डालने से बेहोश रोगी जल्द ही होश में आ जाता है।
27. पीपरामूल : पीपरामूल और सर्पगन्धा को महीन पीसकर चूर्ण बनाकर इस चूर्ण को लगभग 1 से 2 ग्राम सौंफ के रस के साथ सुबह-शाम रोगी को खिलाने से बेहोशी निश्चित रूप से दूर हो जाती है।
28. शर्बत : ठंडा शर्बत रोगी को पिलाने से पित्त से बेहोश व्यक्ति की बेहोशी दूर हो जाती है।
29. साबुन : आंखों में साबुन घिसकर लगाने से कफज की बेहोशी दूर हो जाती है।
30. कौंच : कौंच की सूखी फली को शरीर पर रगड़ने से बेहोशी दूर हो जाती है। रोगी के होश में आने पर गाय के घी की मालिश रोगी के शरीर पर करने से कौंच का जहर मिट जाता है।
31. इमली : इमली के गूदे को ठंडे पानी में पीसकर गंजे सिर पर लगाने से बेहोशी के साथ-साथ लू का असर भी दूर हो जाता है।
32. सेब : पके हुए सेब के रस को मिश्री मिलाकर मूर्च्छित रोगी को पिलाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
33. राई : बेहोश व्यक्ति को राई को पीसकर सुंघाने से बेहाशी दूर हो जाती है।
34. लहसुन : मिरगी से बेहोश रोगी को लहसुन को कुटकर सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
35. चालमोंगरा : चालमोंगरा के बीजों का चूर्ण सिर पर मलने से मूर्च्छा (बेहोशी) दूर हो जाती है।
36. मेहंदी : मेहंदी के पत्तों का रस 5 से 10 मिलीलीटर दिन में 3 से 4 बार 250 मिलीलीटर दूध के साथ के देने से गर्मी और सर्दी में होने वाले बेहोशी के दौरे में राहत मिलती है।
37. हल्दी : अगर बेहोशी होती है तो पानी में हल्दी और शक्कर मिलाकर पिलाने से यह दूर हो जाता है।
38. धनिया : मूर्च्छा आने की स्थिति में रोगी को अपने तन बदन का होश नहीं रहता है। वह अधिक कमजोरी अनुभव करता है और आंखों के सामने अंधेरा छा जाने के कारण गिर जाता है या फिर खाट पर लेटने के साथ ही बेहोश हो जाता है। इसके लिए एक कप पानी में 10 ग्राम धनियां और 4 पत्ते तुलसी के डालकर औटाना चाहिए जब पानी आधा शेष रह जाए तब इसे उतारकर ठंड़ा कर लेना चाहिए। इसके जल को चम्मच से रोगी के मुंह में डालना चाहिए। चार-पांच बूंदें जल नथुने में भी डालने चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही क्षणों बाद बेहोशी दूर हो जाती है। होश आ जाने पर 10 दाने धनिया, 4 बूंद अदरक का रस और चार बूंद तुलसी का रस शहद के साथ चटाना चाहिए और उससे कोई भारी काम नहीं लेना चाहिए।
39. अंगूर :
दाख (मुनक्का) और आंवले को समान भाग लेकर, उबालकर पीसकर थोड़ा शुंठी चूर्ण मिलाकर शहद के साथ चटाने से बुखार युक्त मूर्च्छा मिटती है।
25 ग्राम मुनक्का, मिश्री, अनार की छाल और खस 12-12 ग्राम, जौकूटकर 500 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगो देते हैं, सुबह छानकर तीन खुराक बना कर दिन में तीन बार सेवन करें। इससे बेहोशी दूर हो जाती है।
100-200 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर थोड़ा सैंधा नमक मिला कर रोज 5-10 ग्राम तक खाने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।
41. पानी : रोगी के चेहरे पर ठंड़े पानी के छींटे मारने से होश आ जाता है।
42. नागवाला : नागदौन के रस को नाक में डालने से बेहोशी की अवस्था दूर हो जाती है।
43. ताड़ : लगभग 14 से 25 मिलीलीटर ताड़ के पत्तों का रस दिन में दो बार सेवन करें। इससे मानसिक उन्माद, बेहोशी आदि रोगों में लाभ मिलता है।