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जम्भाई

जम्भाई


          जिस प्रकार मनुष्य नाक के द्वारा सांस लेता है उसी तरह मुंह के द्वारा जम्भाई लेकर हवा शरीर के अंदर खींचता है। इस तरह जम्भाई लेने से शरीर में अतिरिक्त आक्सीजन की पूर्ति होती है। इस तरह बार-बार मुंह खोलकर हवा खींचना और छोड़ना ही जम्भाई कहलाता है। जभ्भाई कभी-कभार हो जाये तो कोई बात नहीं लेकिन जम्भाई ज्यादा आने से यह असहनीय हो जाता है। जम्भाई के बार-बार आने से रोगी परेशान हो जाता है और इस रोग को खत्म करने के लिये उपचार कराना आवश्यक हो जाता है।परिचय :

कारण :

          यदि हम कुछ लोगों के सामने बैठे हों और उस समय जम्भाई के कारण मुंह को बार-बार खोलना पडे़ तो बहुत ही खराब लगता है। जम्भाई का बार-बार आना भी एक रोग है और इसके कारण शरीर में आलस्य भरा रहता है, काम में मन नहीं लगता है और यदि काम करना भी पडे़ तो शीघ्र ही मन ऊब जाता है। जम्भाईयां या तो शरीर में थकावट बनी रहने के कारण आती है या फिर नींद ठीक से न आने के कारण।