कालीमिर्च 5 दाने और तुलसी के 10 पत्तों को पानी में मिलाकर उबाल लें। फिर इसके अन्दर थोड़ा सा गुड़ और देशी घी या सेंधानमक डालकर पी लें। इसको पीने से जुकाम पूरी तरह से ठीक हो जाता है छोटे बच्चों को तुलसी के पत्ते पानी की बजाय दूध के अन्दर उबालकर देने से भी जुकाम में लाभ होता है।
रात को सोते समय 10 दाने कालीमिर्च के चबाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च, मुलेठी, बनफशा, गाजवा, पलगाजवा, तुलसी के सूखे पत्ते, उनाव, मुनक्का और मिश्री को बराबर की मात्रा में मिलाकर इसका काढ़ा बनाकर सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
गर्म पानी में कालीमिर्च के 7 दाने मिलाकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च, लाल इलायची, सोंठ, तुलसी के बीज, धनिया और जीरे को बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का एक चम्मच सुबह और शाम खाने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
कालीमिर्च, तुलसी, मुलेठी, लाल इलायची और अदरक को एक साथ पानी में डालकर पकाकर काढ़ा बना लें। फिर इसको छानकर शहद के साथ पीने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
यदि रोगी को जुकाम के साथ-साथ बुखार भी हो तो कालीमिर्च के 5-6 दाने, तुलसी के 7 पत्ते, 2 लौंग, 1 अदरक की छोटी सी गांठ, आधा चम्मच जीरा और एक बड़ी इलायची को एक साथ मिलाकर एक कप पानी में डालकर पका लें। पकने के बाद जब पानी आधा बाकी रह जाये तो उसे छानकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम का रोग ठीक हो जाता है।
गर्म दूध के अन्दर 10 से 15 कालीमिर्च के दाने और मिश्री पीसकर मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
लगभग 250 मिलीलीटर पानी में 7 दाने कालीमिर्च के और 7 ग्राम गुलबनफ्शा को डालकर उबाल लें। उबलने पर जब पानी 1 चौथाई बाकी रह जाये तो इसमें शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है।
लगभग 3 ग्राम कालीमिर्च को 50 ग्राम दही में पीसकर इसमें 20 ग्राम पुराने गुड़ को मिलाकर खाने से जुकाम दूर हो जाता है।
5 ग्राम बनफ्सा और कालीमिर्च के 5 दानों को पीसकर गर्म दूध मे मिलाकर पीने से जुकाम मिट जाता है।
कालीमिर्च, सोंठ, चित्रक, पीपल, तालीम पत्र (पत्ते), चक जीरा, इलायची, दालचीनी और तेजपत्ते को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण दिन में 3 बार 1-1 चुटकी शहद के साथ खाने से जुकाम में आराम आता है।
कालीमिर्च, तुलसी, दालचीनी और लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
लगभग 6-7 तुलसी के पत्ते, 1 चम्मच गुलकन्द, 2 कालीमिर्च के दाने, सोंठ की 1 गांठ और 2 लौंग को एक साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम में लाभ होता है।
तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पीने से जुकाम के जीवाणु समाप्त हो जाते हैं और बंद नाक भी खुल जाती है।
तुलसी के सूखे पत्तों का काढ़ा बनाकर नाक से सूंघने से जुकाम और नाक के कीड़े और जख्म आदि नाक के रोग दूर हो जाते हैं।
तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसके अन्दर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से सर्दी और गर्मी में होने वाला जुकाम, बलगम और सिरदर्द ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्तों के रस में लगभग 700 ग्राम शक्कर मिलाकर चासनी बना लें और एक बोतल में भरकर रख दें। इस शर्बत को रोजाना दिन में लगभग 25 ग्राम 3 से 4 बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्तों का रस, अदरक का रस और शहद बराबर की मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन-चार बार देना चाहिए।
जुकाम से पीड़ित होने पर तुलसी के सूखे पत्ते, कपूर, कत्था और इलायची सभी को समान मात्रा में और शक्कर 9 गुनी लेकर सबको बारीक पीस लें। इसे चुटकी भर की मात्रा में सुबह-शाम दिन में 2 बार सेवन करने से फेफड़ों में जमा हुआ कफ निकल जाता है।
तुलसी के 15 पत्ते और 4 कालीमिर्च हमेशा खाते रहने से जुकाम व बुखार नहीं होता है।
10 तुलसी के पत्ते, 5 कालीमिर्च पानी में मिलाकर चाय की भान्ति उबालें फिर इसमें थोड़ा सा गुड़ और देशी घी या सेंधानमक डालकर पीना चाहिए। इससे जुकाम में लाभ मिलता है।
केवल तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से भी जुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी की पत्तियों को सुखाकर-पीसकर सूंघने से बहता हुआ जुकाम बंद हो जाता है।
बच्चों की सर्दी, खांसी, कफ की घबराहट में तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।