नाक में कीड़े पड़ना naak me kide

नाक में कीड़े पड़ना  naak me kide 

          नाक के अन्दर कभी-कभी ज्यादा गंदगी हो जाने की वजह से जख्म हो जाता है जिसमे से खून भी निकल आता है। जख्म ज्यादा पुराना हो जाने की वजह से उसके अन्दर कीड़े भी पड़ जाते हैं।परिचय:

1. लहसुन: 3 भाग लहसुन का रस और 4 भाग पानी को एक साथ मिलाकर उस पानी से जख्म को साफ करने से नाक के कीड़े खत्म होकर जख्म भी ठीक हो जाता है।
2. हींग: पिसी हुई हींग को गर्म पानी में मिलाकर नाक में डालने से नाक का जख्म दूर हो जाता है और कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
3. अजवायन: खुरासानी अजवायन के काढ़े से नाक के जख्म को साफ करने से दर्द कम हो जाता है।
4. फिटकरी: लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग फिटकरी के चूर्ण को 100 ग्राम पानी में डालकर रख लें। इस पानी की 3-4 बूंदे रोजाना 3 से 4 बार सिर को पीछे की ओर झुकाकर नाक के नथुनों (छेदों) में डालने से नाक के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
5. बनतुलसी: रोजाना सुबह, दोपहर और शाम को नाक के नथुनों (छेदों) में बनतुलसी के पत्तों का रस डालने से कीड़े खत्म हो जाते हैं।
6. तारपीन: 100 मिलीलीटर से लेकर 150 मिलीलीटर पानी के अन्दर आधा चम्मच तारपीन का तेल मिलाकर नाक के नथुनों (छेदों) में डालकर नाक को साफ करने से नाक के कीड़े मिट जाते हैं।
7. नीम: नीम के काढ़े को नाक के जख्म पर लगाने से कीड़े खत्म हो जाते हैं और जख्म भी ठीक हो जाता है।
8. बघण्डी: बघण्डी का तेल नाक में लगाने से नाक के जख्म का फैलना रुक जाता है और जख्म ठीक होकर भर जाता है।
9. कैलोन: कैलोन के तेल को रोजाना 2-3 बार नाक के जख्म पर लगाने से नाक का जख्म जल्दी भरकर ठीक हो जाता है।
10. फरहद: फरहद के पत्तों के रस को या इसकें पत्तों को पकाकर बने हुए तेल को रोजाना 2-3 बार नाक में लगाने से नाक के सारे कीड़े बाहर आ जाते है और जख्म भी भर जाता है।

जुकाम (प्रतिश्याय jukham

जुकाम (प्रतिश्याय) jukham


          मौसम बदलने पर जरा सी लापरवाही करने से किसी भी उम्र के व्यक्ति को जुकाम हो जाता है सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलने की वजह से जुकाम हो जाता है बारिश के मौसम में ज्यादा भीगने से भी जुकाम हो जाता है जुकाम एक साधारण रोग है पर कभी-कभी इसकी वजह से दूसरे भयंकर रोग हो सकते हैं। जुकाम दो प्रकार का होता है 1. गीला जुकाम 2. सूखा जुकाम।परिचय:

विभिन्न भाषाओं में नाम:


हिन्दी    

सर्दी, जुकाम    

अंग्रेजी        

कोराइजा, कामन कोल्ड

पंजाबी        

जुखाम   

अरबी    

पानीलाग

बंगाली        

प्रतिश्याय 

गुजराती  

सर्दी

कन्नड़        

नेगादि सीत

मलयालम 

मुख ओलिंचल

मराठी         

सर्दी  

तमिल         

नीरा कम जल थोदम्

तेलगू    

कसम इरुमल   

उड़िया         

सर्दी

कारण:

          जुकाम का रोग ज्यादातर मौसम बदलने के कारण होता है पर यह किसी भी मौसम में हो सकता है यह अक्सर दो मौसमों की बीच में होता है जैसे सर्दी और गर्मी। जुकाम प्रदूषण की वजह से भी हो सकता है किसी गर्म जगह से एकदम ठंडी जगह पर चले जाने के कारण, पेट में कब्ज होने की वजह से, गर्म के ऊपर एकदम ठंडी चीजों का सेवन करने से, बारिश में ज्यादा भीगने की वजह से या कसरत करने के तुरंत बाद नहाने से जुकाम हो जाता है।

लक्षण: