उम्र बढ्ने के साथ-साथ आज हर व्यक्ति को आँखों की समस्याएँ (Eye problems) होने लगी है जिसका मुख्य कारण है प्रदूषण। वायु में स्थित धूलकण एवं धुआँ हमारे आँखों को बहुत नुकसान पहुँचते हैं। इसके कारण आँखों से पानी आना, आँखों का जलन, आँखें लाल होना तथा कम अथवा धुंधला दिखाई देने जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए कई तरह के योगासन (Yogasan) है जिनके नियमित अभ्यास करके हम अपनी आँखों को स्वस्थ बना सकते है तथा नेत्र संबन्धित रोगों (Eye related disease) जैसे मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रस्तुत है नेत्र के लिए कुछ आसान तथा प्रभावी व्यायाम जिसे कर के आप अपने आँखों को निरोग रख सकते हैं।
- अपने आंखों को बंद करके कुछ देर बैठें।
- अपने हथेलियों को आपस में रगड़ कर गरम कर लें, फिर उन्हें धीरे-से आंखों पर रखें। अब महसूस करें कि हाथों की गरमाहट आंखों की पेशियों को विश्राम दे रही हैं। इस अवस्था में तब तक रहें, जब तक हाथों की संपूर्ण गरमाहट आंखों में स्थानांतरित होकर आंखों की पेशियों को विश्राम प्रदान करें। आंखें बंद रखते हुए हाथों को नीचे लाएं। एक बार फिर हथेलियों को रगड़ते हुए विधि को तीन बार दोहराएं।
अभ्यास - 2
- अपने आंखें खोल कर बैठें।
- पलकों को जल्दी-जल्दी दस बार झपकाएं। अब आंखें बंद करके 20 सेकेंड के लिए विश्राम करें। इस विधि को पांच बार दोहराएं।
अभ्यास - 3
- पैरों को सीधा फैला कर बैठें। दोनों हाथों को सीधा रखते हुए कंधों के बराबर लाएं तथा अंगूठे को आकाश की ओर रखें।
- आपकी दृश्य परिधि में अंगूठे को रखते हुए मुंह सामने रखें। दृष्टि को आंखों की सीध में केंद्रित करें। सिर को स्थिर रखते हुए बायें हाथ का अंगूठा भौहों के बीच लाएं। इस क्रम को 10-20 बार दोहराएं।
- सांस लेने की प्रक्रिया : मध्य अवस्था में रहते हुए सांस अंदर लें, बाजू की ओर देखते हुए सांस छोड़ें।
- पैरों को फिर सीधा फैला करके बैठें। बायें अंगूठे को बायें घुटने पर रखें (ध्यान रखें अंगूठा आकाश की ओर हो) सिर को स्थिर रखते हुए अपनी दृष्टि को बायें अंगूठे पर केंद्रित करें। इसी प्रक्रिया को बायें ओर से भी करें। इस अभ्यास के दौरान सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा अवश्य रखें। उसके बाद आंखों को बंद करके विश्राम दें।
- सांस लेने की प्रक्रिया : मध्यावस्था में सांस अंदर लें और नीचे देखते हुए सांस छोड़ें। ऊपर देखते हुए सांस अंदर लें।
अभ्यास - 5
- दोनों पैरों को सीधा फैला कर बैठें। बायें हाथ को बायें घुटने पर रखें। दाहिने पैर के ऊपर दायें हाथ की मुट्ठी, कोहनी सीधी रखते हुए बांधे, अंगूठे को आकाश की ओर खोले, दृष्टि को अंगूठे के ऊपर स्थिर रखते हुए अंगूठे से गोला बनाते हुए हाथ को घुमाए। ऐसा 5 बार एंटीकलॉकवाइज करें। अब इसे बायें अंगूठे से दोहराएं।
- सांस लेने की प्रक्रिया : अंगूठे को चक्राकार घुमाते हुए सांस चक्र के ऊपरी भाग में लें तथा चक्र के निचले भाग में छोड़ें।
अभ्यास - 6
- दोनों अंगूठों को आकाश की ओर रखते हुए दोनों मुट्ठियों को घुटनों पर रखें। धीरे-धीरे सीधे हाथ के अंगूठे को ऊपर आकाश की ओर रखते हुए, हाथ उठाएं। अंगूठे की गति को देखते रहें। हाथ को पूरी तरह उठाने के बाद धीरे-धीरे पुनः घुटनों पर लाएं। पूरी प्रक्रिया में अंगूठे के छोर को देखते रहें। इसे बायें अंगूठे से दोहराएं। इसका अभ्यास 5 - 5 बार करें।
- सांस लेने की प्रक्रिया : ऊपर देखते हुए सांस अंदर लें। नीचे देखते हुए सांस छोड़ें।