विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) - World Trade Organization (WTO)
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) के उद्देश्य
1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के नियमों को निर्धारित करना और उन्हें लागू करना ।
2. व्यापार संबंधी विवादों को हल करना ।
3. व्यापार संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की पारदर्शिता बढ़ाना ।
4. वैश्विक आर्थिक प्रबंधन में शामिल अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के साथ सहयोग करना ।
5. वैश्विक व्यापार प्रणाली से पूरा लाभ उठाने के लिए विकासशील देशों की मदद करना ।
6. व्यापार उदारीकरण को और बढ़ाने के लिए और इसके निगरानी के लिए मंच प्रदान करना।
व्यापार के वैश्वीकरण के कारण जब एक देश से कई अनेक दूसरे देशों का व्यापार शुरू हुआ तो एक ऐसी संस्था की आवश्यकता महसूस हुई जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित कर सके। जो एक नियम के तहत विश्व के विभिन्न देशों के बीच हो रहे व्यापार के लिए कार्य करे। इसी संदर्भ में 1 जनवरी, 1995 को मर्राकेश एग्रीमेंट के तहत उस समय मौजूद गैट (General Agreement on Tariffs and Trade - GATT) की जगह विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization - WTO) की स्थापना की गई थी। यह इसके सदस्य देशों के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए बनाए गए नियमों का क्रियान्वयन करता है और इनके सदस्य देशों के बीच होने वाले विवादों के निपटान हेतु मध्यसता प्रदान करता है। यह सदस्य देशों के व्यापार के विस्तार हेतु ऋण भी मुहैया कराता है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) का मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है। वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) में कुल 164 सदस्य देश है। ब्राज़ील के रोबर्टों अजेवेडो दिनांक 1 सितंबर, 2013 से डबल्यू टी ओ के Director-General पद का कार्यभार देख रहे हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) के उद्देश्य
1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के नियमों को निर्धारित करना और उन्हें लागू करना ।
2. व्यापार संबंधी विवादों को हल करना ।
3. व्यापार संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की पारदर्शिता बढ़ाना ।
4. वैश्विक आर्थिक प्रबंधन में शामिल अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के साथ सहयोग करना ।
5. वैश्विक व्यापार प्रणाली से पूरा लाभ उठाने के लिए विकासशील देशों की मदद करना ।
6. व्यापार उदारीकरण को और बढ़ाने के लिए और इसके निगरानी के लिए मंच प्रदान करना।