दांतों की बीमारियां
दांतों की सफाई न करने से दांतों के बीच फसे अन्न का कण सड़ने लगता है जिससे दांतों में कीड़े लग जाते हैं और दांत में गड्ढ़े बन जाते हैं। मंजन न करने या जल्दबाजी में मंजन करने से दांत ठीक से साफ नहीं हो पाते जिससे दांतों में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं। कभी-कभी दांतों पर चोट लगने से भी दांतों व मसूढ़ों की बीमारी हो जाती है।परिचय :
कारण :
लक्षण :
दांतों के रोग में रोगी को विटामिन `सी´ वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
पायरिया होने पर नींबू, पानी, नारंगी, टमाटर आदि का रस पीना लाभकारी होता है।
अमरूद, केला, पपीता, किशमिश तथा पालक का साग खाना दांतों के रोग के लिए लाभकारी होता है।
दांतों के रोग में अजवायन, तुलसी, गाजर, खीरा, शलजम, तिल, प्याज, हल्दी, मूली तथा पानी में भिगोए गेहूं आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।
रोजाना चिरचिरी, बबूल, नीम, भांट की जड़ और महुआ के दातुन से दांत साफ करें।
चोकर समेत आटे की रोटी, केला, मूंगफली, नारियल, हरा मटर, अंजीर, खजूर, बादाम तथा फूलगोभी खाना दांतों के रोग के लिए लाभकारी होता है।
पानी में नींबू का रस निचोड़कर कुल्ला करने से दांतों में लगे कीड़े, बदबू और दांतों का दर्द खत्म होता है।
नींबू का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर प्रतिदिन दांतों पर मलने से दांत मोती जैसे चमकने लगते हैं।
नींबू के छिलके को धूप में सुखाकर पीस लें और मंजन के रूप में प्रयोग करें। इससे दांत साफ होते हैं और सांस की बदबू दूर होती है।
नमक, सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
1 नींबू के 4 टुकड़े करके उन पर नमक डालकर गर्म करके एक के बाद एक टुकड़े को लगातार दर्द वाले दांत पर रखने से दर्द कम होता है।
मौलसरी के पेड़ की 50 ग्राम छाल को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और 100 मिलीलीटर पानी शेष रहने पर इससे कुल्ला करें। इससे हिलते हुए दांत स्थिर हो जाते हैं।
मौलसरी का 1 से 2 फल नियमित रूप से चबाने से दांत मजबूत होते हैं।
मौलसरी की छाल के चूर्ण से मंजन करने से दांत वज्र की तरह मजबूत हो जाते हैं।
मौलसरी की छाल का बारीक पॉउडर बनाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं।
बादाम का छिलका जलाकर उसमें चौथाई हिस्सा फिटकरी मिलाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें।
5 ग्राम सेंकी हुई फिटकरी, 60 ग्राम त्रिफला का चूर्ण, 15 लौंग, 8 ग्राम सेंधानमक और 10 ग्राम माजूफल को एक साथ पीसकर छान लें। प्रतिदिन भोजन करने के बाद सुबह-शाम दांतों की जड़ों व मसूढ़ों पर इसका लेप करके 15 मिनट तक लगा रहने दें और लार को टपकाते रहें। इस मंजन से दांतों का दर्द दूर होता है तथा दांत मजबूत होते हैं।
125 ग्राम लाल फिटकरी को सेंककर राख बनाकर इसमें 25 दाने कालीमिर्च, 25 दाने लौंग और 30 ग्राम सेंधानमक मिलाकर बारीक पीसकर सुबह-शाम 2 बार मंजन करें। मंजन दांतों के बाहर और भीतर दोनों ओर करने के 10 मिनट बाद कुल्ला करें। इससे पायरिया, दांतों से खून आना तथा दांत दर्द में लाभ मिलता है।
100 ग्राम भुनी हुई फिटकरी, 20 ग्राम पिसी हुई लौंग, 100 ग्राम पिसी हुई हल्दी, 100 ग्राम पिसा हुआ सेंधानमक और 100 ग्राम नीम के पिसे हुए पत्ते या छाल मिलाकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
अकरकरा को सिरके में घिसकर दुखते दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द में लाभ मिलता है।
अकरकरा और कपूर समान मात्रा में लेकर पीसकर नियमित रूप से सुबह-शाम मंजन करने से सभी प्रकार के दांतों की पीड़ा दूर होती है।
अकरकरा, माजूफल, नागरमोथा, फूली हुई फिटकिरी, कालीमिर्च और सेंधानमक बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इससे नियमित मंजन करने से दांत और मसूढ़ों के सभी रोग दूर होते हैं।
नीम की दातुन करने से दांत साफ व स्वस्थ रहते हैं।
नीम की पत्तियों का रस दांतों पर मलने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
नीम की निबौली की गुठली का रस दांतों में लगाने से कीड़े खत्म होते हैं और दांतों में दर्द कम होता हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और पायरिया में भी लाभ मिलता है।
नीम की जड़ की छाल का 50 ग्राम चूर्ण, सोना गेरू 50 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर इसमें नीम के पत्तो का रस मिलाकर सुखा लें और एक शीशी में भरकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों से खून का गिरना, पीव का आना, मुंह में छाले पड़ना, मुंह की दुर्गन्ध, जी मिचलाना आदि रोग ठीक होता है।
नीम की 100 ग्राम जड़ को कुटकर 500 मिलीलीटर पानी में पकाएं जब पानी 250 मिलीलीटर शेष रह जाए तो इसे छानकर कुल्ला करें। यह दांतों के रोगों को समाप्त करता है।
सुबह नीम की दातुन करने और फूलों के काढ़े से कुल्ला करने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग नष्ट होते हैं।
नीम की टहनी और पत्तियों को छाया में सुखाकर राख बना लें और इसे पीसकर मंजन बनाकर इसमें लौंग, पीपरमेंट और नमक मिलाकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया ठीक होता है।
नीम की कोपलों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
अनार और गुलाब के सूखे फूल को पीसकर मंजन करने से मसूढ़ों से पानी या पीब का आना बन्द होता है। अनार की कलियों के चूर्ण का मंजन करने से मसूढ़ों से खून आना बन्द होता है।
मुंह और मसूढ़ों के विकार में अनार की जड़ के काढ़े से कुल्ला करना लाभदायक होता है।
अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीसकर मंजन की तरह दिन में 2 से 3 बार दांतों पर मलने से दांतों से खून का आना बन्द होता है।
नमक को पानी में डालकर गर्म करके प्रतिदिन 2 से 3 बार कुल्ला करने से दांतों का दर्द खत्म होता है।
पानी में नमक डालकर हल्का गर्म करके प्रतिदिन रात को सोने से पहले कुल्ला करने से दांत के कीड़े समाप्त होते हैं।
जब कभी खट्टी चीजों का अधिक सेवन करते हैं तो दांत खट्टे हो जाते हैं। ऐसे में दांतों पर नमक मलना और गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करने से दांतों का खट्टापन दूर होता है।
सेंधानमक को बारीक पीसकर पॉउडर बनाकर 2 ग्राम पॉउडर में 8 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर अंगुली से मसूढ़ों पर हल्के-हल्के मालिश करें तथा खून निकले तो निकलने दें। कुछ देर बाद बचे हुए नमक को दांत व मसूढ़ों पर मलकर हल्का गर्म पानी से कुल्ला करें। इससे दांतों की सभी बीमारियां दूर होती है।
आधा चम्मच सेंधानमक एक कप गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले कुल्ला करें। इससे दांतों में कीड़े नहीं लगते और सांसों की बदबू खत्म होती है।
काले नमक को पीसकर तिल के तेल में दांतों पर मलने से दांतों का हिलना और दांतों के रोग दूर होते हैं।
काले तिल को पानी के साथ खाने से दांत मजबूत होते हैं।
लगभग 25 ग्राम तिल चबा-चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं।
तिल के तेल को मुंह में 10-15 मिनट तक रखने से हिलते हुए दांत मजबूत बनते हैं और पायरिया मिटता है।
हींग या काले जीरे के मिश्रण में तेल को गर्म करके कुल्ला करने से दांतों का दर्द नष्ट होता है।- हींग या काले जीरे के मिश्रण में तेल को गर्म करके कुल्ला करने से दांतों का दर्द नष्ट होता है।