दांतों का दर्द daant ka dard

दांतों का दर्द

(TOOTHACHE)

          भोजन करने के बाद दांतों की सफाई न करने पर दांतों के बीच फंसे अन्न का कण बाहर नहीं निकल पाता है जिससे दांतों के बीच फंसे अन्न के कण रात को सोने पर मुंह से निकले वाले लार के संपर्क में आकर सड़ने लगते हैं। उन अन्न के कणों के सड़ने से दांतों की जड़े खोखली हो जाती हैं। खोखली जगहों में भोजन का अंश भरने से दांत सड़ने लगते हैं तथा दांतों में अत्यधिक तेज दर्द होने लगता है। दांतों में लगे कीड़े धीरे-धीरे फैलकर मसूढ़ों को कमजोर कर देते हैं जिसके कारण मसूढ़ों से पीव (मवाद), खून आदि निकलने लगता है। दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। मसूढ़ों की कमजोरी के कारण पायरिया व अन्य प्रकार के दांतों के रोग हो जाते हैं। अधिक गर्म पदार्थ खाने या किसी कारण से मसूढ़े छिल जाने पर मसूढ़ों में सूजन आ जाती जिससे मसूढे कमजोर हो जाते हैं। अधिक मीठी व खट्टी चीजे खाने से भी दांतों में कीड़े लगते हैं।परिचय :

कारण :

       दांतों के रोग तभी होते हैं जब कोई दांतों की सफाई पर ध्यान नहीं देता। नियमित रूप से दांतों की सफाई न होने पर दांत कमजोर हो जाते हैं। भोजन के बाद दांतों के बीच फसे अन्न के कण दांतों में सड़ने लगते हैं जिससे दांतों में कीड़े लग जाते हैं और वे खोखले हो जाते है। दांत खोखला होने पर भोजन करने या पानी पीने पर तेज दर्द होता है। गर्म पदार्थ पीने व खाने के बाद ठंड़ा पानी पीने से दांत कमजोर होकर गिरने लगते हैं। खट्टे अथवा मीठे पदार्थ अधिक खाना, दांतों में तीनका करना, गुटखा खाना, पान तथा तम्बाकू का अधिक सेवन करना आदि कारणों से दांत व मसूढें कमजोर होकर रोगग्रस्त हो जाते हैं।
       दांतों में रोग होने पर भिन्न प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं। दांतों का कमजोर होना, जबड़े में दर्द होना, दांतों का खोखलापन, दांतों में कीड़े लगना, दांतों का हिलना, दांतों पर पीले रंग का मैल जमना, सड़न के कारण दांत का निचला भाग काला होना तथा समय से पहले ही दांतों का गिरना आदि इस रोग के लक्षण होते हैं। गर्म व ठंड़े पदार्थ खाने से खोखले दांतों में दर्द होता है।