दांतों का दर्द
(TOOTHACHE)
भोजन करने के बाद दांतों की सफाई न करने पर दांतों के बीच फंसे अन्न का कण बाहर नहीं निकल पाता है जिससे दांतों के बीच फंसे अन्न के कण रात को सोने पर मुंह से निकले वाले लार के संपर्क में आकर सड़ने लगते हैं। उन अन्न के कणों के सड़ने से दांतों की जड़े खोखली हो जाती हैं। खोखली जगहों में भोजन का अंश भरने से दांत सड़ने लगते हैं तथा दांतों में अत्यधिक तेज दर्द होने लगता है। दांतों में लगे कीड़े धीरे-धीरे फैलकर मसूढ़ों को कमजोर कर देते हैं जिसके कारण मसूढ़ों से पीव (मवाद), खून आदि निकलने लगता है। दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। मसूढ़ों की कमजोरी के कारण पायरिया व अन्य प्रकार के दांतों के रोग हो जाते हैं। अधिक गर्म पदार्थ खाने या किसी कारण से मसूढ़े छिल जाने पर मसूढ़ों में सूजन आ जाती जिससे मसूढे कमजोर हो जाते हैं। अधिक मीठी व खट्टी चीजे खाने से भी दांतों में कीड़े लगते हैं।परिचय :
कारण :
बायविडंग 10 ग्राम, खुरासानी अजवायन 10 ग्राम और अकरकरा 10 ग्राम को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें। इससे दांतों व मसूढ़ों की पीड़ा नष्ट होती है।
बायविडंग के चूर्ण में थोड़ी सी हींग मिलाकर दांतों के खोखले स्थान में भरने से मसूढ़ों से पीब आना बन्द होता है। इसके उपयोग से दांतों का दर्द ठीक होता है।
अपामार्ग की ड़ड़ी से प्रतिदिन दातुन करने पर कभी-कभी दांतों में होने वाला तेज दर्द शान्त होता है। यह मसूढ़ों से खून का आना भी बन्द करता है।
अपामार्ग के 2-3 पत्तों के रस रूई में लेकर दर्द वाले दांतों पर लगाने से दर्द से आराम मिलता है।
प्रतिदिन अपामार्ग की ताजी जड़ से दातून करने से दांत मोती की तरह चमकने लगते हैं। यह दांतों का दर्द, दांतों का हिलना, मसूढ़ो की कमजोरी और मुंह की दुर्गंध को दूर करता है।
विजयसार के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में 5 मिलीलीटर सरसों के तेल में मिलाकर मंजन करें। इससे दांतों का दर्द खत्म होता है तथा मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।
विजयसार का गोंद दर्द वाले दांतों पर मलने से दांतों का दर्द जल्द ठीक होता है।
विजयसार का गोंद या पत्ता मुंह में रखकर चबाने से दांतों का दर्द व मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।
कालीमिर्च को कूटकर पानी में मिलाकर गर्म करके प्रतिदिन 2-3 बार कुल्ला करने से दांतों का दर्द समाप्त होता है।
कालीमिर्च को भूनकर बारीक पीसकर प्रतिदिन मंजन करने से दांत साफ व मजबूत होते हैं।
एक ग्राम कालीमिर्च और 2 ग्राम तम्बाकू को बारीक पीसकर मंजन बना लें और इस मंजन से प्रतिदिन दांत साफ करें। यह दांत को साफ करता है और मसूढ़ों की सूजन को दूर करता है। यह मसूढ़ों से पीब व खून का आना बन्द करता है।
अकरकरा को बारीक पीसकर पॉउडर बना लें और इसमें लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नौसादर, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अफीम व लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर को मिलाकर दांतों के बीच खाली जगहों में भरें। इससे खोखले दांतों का दर्द और मसूढ़ों से खून आना बन्द होता है।
अकरकरा का बारीक पीसा हुआ मंजन प्रतिदिन दांतों पर मलने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
अकरकरा की जड़ को दांतों पर मलने से दांतों का दर्द दूर होता है। इससे खोखले दांतों की जड़ में लगे कीड़े नष्ट होते हैं।
अकरकरा और कपूर को मिलाकर पीसकर इससे प्रतिदिन मंजन करने से सभी प्रकार के दांतों का दर्द दूर होता है।
अकरकरा की जड़ का काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार कुल्ला करने से दांत का दर्द दूर होता है और हिलते हुए दांत जम जाते हैं।
तेज दांतों के दर्द से पीड़ित रोगी को अकरकरा व कपूर चूर्ण को रूई में लपेटकर लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे रखें और मुंह से लार को बाहर गिरने दें। इससे दांत का दर्द जल्द ठीक होता है।
अकरकरा, तज व मस्तांगी बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण दर्द वाले दांतों पर मलें। इससे गर्मी के कारण उत्पन्न दांतों का दर्द ठीक होता है।
ज्वार के दाने के बराबर नौसादर को रूई में लपेटकर जिसे दांतों में सड़न हो उसके नीचे दबाकर रखने से दांतों की पीड़ा नष्ट होती है।
नौसादर और कपूर को मिलाकर पोटली बना लें और दांतों के खोखले हिस्से में दबाकर रखें। इससे दांतों के कीड़े मर जाते हैं और जबड़े का दर्द खत्म होता है।
नौसादर, फिटकरी और सेंधानमक बराबर मात्रा में पीसकर मंजन बना लें और इस मंजन को नमक मिले गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे दांतों के दर्द में आराम रहता है।
फूली हुई फिटकरी में माजूफल व हल्दी मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें। यह दांतों की पीड़ा शान्त करती है और मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।
दांतों में तेज दर्द होने पर माजूफल का चूर्ण पीसकर दांतों के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों के तेज दर्द में जल्द आराम मिलता है और दांतों से खून का आना बन्द होता है।
1 माजूफल और 1 सुपारी को आग पर भूनकर 1 कच्चे माजूफल के साथ मिलाकर बारीक पॉउडर बना लें। इससे दिन में 2 बार मंजन करने से दर्द में आराम मिलता है और मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।
थूहर की जड़ को चबाकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाने से दर्द ठीक होता है।
दांतों में कीड़े लगकर यदि दांत कमजोर होकर अधिक हिलते हो लेकिन निकलते हो तो ऐसे में थूहर का दूध दांत के बीच में भर दें। इससे दांत के कीड़े मर जाते हैं और दांतों का टुकड़ा बाहर निकल आता है।
दांतों में तेज दर्द होने पर थूहर का दूध लगाएं। इससे दांतों का दर्द समाप्त होता है।
सोंठ, हरड़, बहेड़ा, आंवला और सरसों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन, पीव, खून और दांतों का हिलना बन्द होता है।
सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, माजूफल, पांचों नमक और नीलाथोथा बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मंजन बना लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों का दर्द व अन्य रोग ठीक होते हैं।
खुरासानी अजवायन 5 ग्राम और अकरकरा 5 ग्राम की मात्रा लेकर पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों की पीड़ा नष्ट होती है।
खुरासानी अजवायन और राल बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और दांतों के अन्दर दबाकर रखें। इससे दांत का दर्द दूर होता है।
यदि दांतों में तेज दर्द हो तो उस दांत पर अजवायन का तेल लगाएं। 1 घंटे बाद गर्म पानी में 1-1 चम्मच पिसी हुई अजवायन और नमक मिलाकर कुल्ला करें। इससे दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
अजवायन को जलाकर उसका धुंआ मुंह में रखने से दांतों का दर्द ठीक होता है। इससे दांतों में लगे कीड़े भी नष्ट होते हैं।
दांतों में दर्द होने पर पानी में नमक और एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन डालकर गर्म करके कुल्ला करने से दर्द शान्त होता है।
52. पुष्करमूल : पुष्करमूल को पीसकर दांतों पर सुबह-शाम मलने से दांतों का हिलना व दर्द समाप्त होता है।
मौलश्री की छाल चबाने से दांत का हिलना बन्द होता है।
मौलश्री के फल, नागरमोथा, वज्रदन्ती, जटामांसी, माजूफल और अनार की छाल 40-40 ग्राम की मात्रा। अकरकरा, लोहे का चूर्ण तथा सेंधानमक 20-20 ग्राम। भुनी फिटकरी, रूमीमस्तंगी, छोटी हरड़ और खैरी का गोंद 10-10 ग्राम और कससी, टाटरी तथा भुनी तूतिया 6-6 ग्राम। इन सबको बारीक पीस-छानकर मंजन बनाकर रखें। इस मंजन को प्रतिदिन दांतों पर मलने से दांत का हिलना, दर्द, मैल जमना, लार गिरना और मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
मसूढ़ों में सूजन व खून आने पर दांत हिलने लगते हैं। ऐसे में रोगी को प्रतिदिन शहद या सरसों के तेल को पानी में मिलाकर कुल्ला करना चाहिए। इससे मसूढ़ों के सभी रोग नष्ट होते हैं।
1 चम्मच शहद में, लहसुन का रस 20 बूंद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम चाटने से पायरिया, मसूढ़ों की सूजन, दर्द और मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
आंवले के रस में कपूर मिलाकर दर्द वाले दांतों पर लगाने से दर्द समाप्त होता है।
आंवले के पेड़ की छाल और पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 2 बार कुल्ला करने से दांतों का दर्द नष्ट होता है।
सूखे आंवले के चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर पॉउडर बना लें और इससे प्रतिदिन दांतों को साफ करें। इससे दांत मजबूत होते हैं और दर्द में आराम मिलता है।
चमेली के पत्ते को पीसकर पीड़ित दांतों के बीच में दबाकर रखने या चबाने से दांतों की पीड़ा नष्ट होती है।
चमेली के पत्ते, मैनफल, कटेरी, गोखरू, लौध, मंजीठ तथा मुलहठी बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीस लें और इसे 4 गुना सरसों के तेल और तेल से 4 गुना पानी मिलाकर पकाएं। जब पानी जलकर केवल तेल बच जाए तो इसे छानकर प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों पर मलें। इससे दांतों की पीड़ा खत्म होती है।
भुनी फिटकरी 1 ग्राम, कत्था 1 ग्राम और भुना तूतिया लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग इन सभी को बारीक पीसकर रख लें। इससे प्रतिदिन सुबह-शाम मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
फिटकरी 8 ग्राम और सेंधानमक 4 ग्राम को एक साथ बारीक पीसकर मंजन बनाकर दांतों पर मलें। इससे दांतों के दर्द में आराम मिलता है।
भुनी फिटकरी, सरसों का तेल, सेंधानमक, नौसादर, सांभर नमक 10-10 ग्राम और तूतिया 6 ग्राम को एक साथ बारीक पीस लें। यह दांत व मसूढ़ों पर मलने से दांतों का दर्द, हिलना, टीस मारना, मसूढ़ों का फूलना, मसूढ़ों से पीव का निकलना तथा पायरिया रोग ठीक होता है।
फिटकरी को पीसकर रूई में डालकर दांत के खोखल में दबाकर रखने से दर्द शान्त होता है और कीड़े नष्ट होते हैं।
फिटकरी को गर्म पानी में घोलकर लगातार कुल्ला करने से दांतों का तेज दर्द जल्द समाप्त होता है।
कपूर 5 ग्राम और अकरकरा 5 ग्राम को मिलाकर बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों की सूजन खत्म होती है।
दांतों के खोखले भाग में कपूर, भुना हुआ सुहागा, अकरकरा और नौसादर पीसकर देशी मोम में मिलाकर दांत के गड़ढे में भरें।
कपूर का रस रूई में लगाकर खोखले दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द में जल्द आराम मिलता है।
दर्द वाले दांतों के नीचे कपूर का टुकड़ा रखने से दांतों का पुराना दर्द ठीक होता है।
हींग और कपूर बराबर मात्रा में मिलाकर खोखले दांत में भरकर कुछ समय दबाए रखने से दर्द से तुंरत आराम मिलता है।
हल्दी को आग पर भूनकर बारीक पीसकर दर्द वाले दांतों पर मलने से कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द शान्त होता है। हल्दी का टुकड़ा दांतों के बीच दबाने से भी दर्द में लाभ मिलता है।
हल्दी और हींग पानी के साथ पीसकर गोली बना लें और यह एक गोली दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखें।
नमक, हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर दांत व मसूढ़ों पर दिन में 2 से 3 बार मलने से दांत मजबूत होते हैं।
लहसुन का जावा हल्का कुटकर दर्द वाले दांतों के नीचे रखने से दर्द समाप्त होता है।
लहसुन को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर गर्म करके तेल में थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर मंजन करने से दांतों के सभी प्रकार के रोग ठीक होते हैं।
यदि दांतों में छेद होकर कालापन आ गया हो तो लहसुन को आग पर सेंककर छेद वाले दांत के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों का तेज दर्द ठीक होता है।
3 लौंग का चूर्ण 5 ग्राम नींबू के रस में मिलाकर दांतों पर मलने से दर्द नष्ट होता है।
लौंग के तेल में रूई भिगोकर दांतों पर लगाने से खोखलपन से उत्पन्न दांत का दर्द ठीक होता है। इससे दांतों का दर्द, कीड़े लगना तथा खोखलापन आदि दूर होता है।
5 लौंग 1 गिलास पानी में उबालकर प्रतिदिन 3 बार कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
दांतों के खोखलापन के कारण उत्पन्न दर्द को दूर करने के लिए 100 ग्राम सिरस के बीज व 40 ग्राम कालीमिर्च पीसकर पॉउडर बना लें और इससे प्रतिदिन 2 बार मंजन करें। यह दांतों के दर्द को ठीक करता है।
सिरस की गोंद और कालीमिर्च मिलाकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांत का दर्द बन्द होता है।
सिरस की जड़ का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें और सिरस की जड़ का चूर्ण बनाकर मंजन करें। इससे मसूढ़ों की सूजन दूर होती है और दांत मजबूत होते हैं।
बबूल की फली के छिलके और बादाम के छिलके को जलाकर राख बना लें और इसमें नमक मिलाकर बारीक पीस लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों की पीड़ा नष्ट होती है।
बबूल की कोमल टहनियों से दातून करने से दांतों के सभी रोग दूर होते हैं और दांत मजबूत होते हैं।
बबूल की छाल, पत्ते, फूल व फलियों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण से प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के अनेक रोग दूर होते हैं।
बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का सड़ना दूर होता है।
मसूढ़ों से खून आने व दांतों में कीड़े होने पर बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 2 से 3 बार कुल्ला करने से कीड़े नष्ट होते हैं। यह मसूढ़ों से खून आना भी बन्द करता है।
दर्द वाले दांतों पर बरगद का दूध लगाने से दर्द शान्त होता है। बरगद के दूध में रूई भिगोकर खोखले दांत के नीचे रखना चाहिए। इससे दांतों की सड़न के कारण मुंह से आने वाली बदबू दूर होती है और दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
बरगद की छाल को पीसकर दांतों के नीचे दबाकर रखने से दांतों का दर्द खत्म होता है।
यदि दांत अधिक हिलता हो लेकिन वह निकल न रहा हो तो उस दांत की जड़ में बरगद का दूध लगाएं। इससे दांत असानी से निकाला जाता है।
बरगद के पेड़ की जटा से दांतून करने से दांतों के कीड़े खत्म होते हैं। बरगद की कोमल लकड़ी से दांतून करने से पायरिया रोग खत्म होता है।
तुलसी के पत्ते, कालीमिर्च और कपूर मिलाकर दर्द वाले दांतों के बीच दबाकर रखने से दर्द दूर होता है।
बच्चों के दांत निकलते समय होने वाले दर्द को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर लगाएं और थोड़ा सा चटाएं। इससे बच्चों के दांत निकलते समय का कष्ट दूर होता है।
तुलसी के पत्तों का चूर्ण अनार के शर्बत के साथ बच्चे को पिलाने से दांत निकलते समय का दर्द ठीक होता है और दांत आसानी से निकल आते हैं।
तुलसी के पत्ते को पीसकर गोलियां बनाकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से दांतों का दर्द दूर होता है। तुलसी के पत्ते प्रतिदिन चबाने से दांत मजबूत होते हैं और मुंह की बदबू दूर होती है।
तुलसी के पत्ते तथा कालीमिर्च एक साथ पीसकर दर्द वाले दांतों के नीचे रखने से दर्द ठीक होता है।
तुलसी के रस को हल्का गर्म करके पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांतों के सभी रोग दूर होते हैं।- तुलसी के पत्तों का रस, हल्दी और सेंधानमक पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।