बच्चों का पेट बड़ा होना
कभी सिर्फ यकृत (जिगर) के बढ़ने से या यकृत (जिगर)-प्लीहा दोनों के बढ़ने से अथवा हाथ-पैर सूखते रहने के साथ-साथ पेट भी बढ़ता जाता है। इसमें बच्चों को कभी-कभी तो बहुत ज्यादा भूख लगती है और कभी-कभी कुछ खाने का मन ही नहीं करता है। दिन पर दिन बच्चा कमजोर होता चला जाता है। कभी-कभी खून की कमी से या गंदा पानी पीने से भी पेट बड़ा हो जाता है।परिचय :
1. तेजपत्ता : लगभग 1 से 3 ग्राम तेजपात (तेजपत्ता) का चूर्ण देने से बच्चों के सभी रोगों में आराम आता है।2. रतनपुरुष : बच्चों के सभी तरह के पेट के रोगों में रतनपुरुष की जड़ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग या पंचांग का फांट 2 से 4 चम्मच सुबह शाम देने से आराम आता है।
3. भृंगराज : भृंगराज (धमरा, भंगरैया) के रस में 1 चम्मच घी मिलाकर सुबह शाम बच्चे को पिलाने से बच्चों का पेट फूलना ठीक हो जाता है।
4. शहद : रोजाना सुबह ठंडे पानी में शहद मिलाकर शर्बत की तरह पिलाने से बच्चे का बढ़ा हुआ पेट कम हो जाता है।
5. मुनगा : लगभग 1-1 चम्मच सहजना (मुनगा) की पत्ती का रस सिर्फ 3 दिनों तक पिलाने से ही बच्चों का बढ़ा हुआ पेट ठीक हो जाता है।
6. कूठ : कूठ को पीसकर गुलाब जल में मिलाकर रोजाना रात को बच्चे के पेट पर लेप करें या दिन में भी हो सके तो पेट पर लेप करके कपड़े से बांधकर रखें तो धीरे-धीरे, मोटापे से पेट बढ़ना रुक जायेगा।
7. दवना : बच्चों के उदर वृद्धि (पेट बढ़ने) या पेट से सम्बंधित कोई भी दर्द हो तो दौना (दवना) के पंचांग से स्वरस 3 से 5 बूंद सुबह शाम सेवन करने से अच्छा लाभ मिलता है।
8. सहजना : लगभग 1 चम्मच सहजना (मुनगा) की छाल का रस और 1 चम्मच गाय के घी को एक साथ मिलाकर रोजाना एक बार बच्चों को पिलाने से सिर्फ तीन दिन में ही बच्चों का बढ़ा हुआ पेट ठीक हो जाता है।
9. धनिया : आंव व बदहजमी हो तो धनिया और सोंठ का काढ़ा पिलाएं। इससे बच्चों का पेट दर्द बंद हो जाता है।