मलेरिया का बुखार (Malaria fever)

मलेरिया का बुखार


          मलेरिया का बुखार ठंड़ लगकर आता है। इस बुखार में रोगी के शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक बना रहता है। यह एक प्रकार का संक्रामक बुखार हैं जो कि पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे दिन पर ठंड़ लगकर आता है और फिर पसीना आकर उतर आता है। इस मलेरिया बुखार की तीन अवस्थाएं होती हैं। पहली- कंपकंपी के साथ बुखार आता है और अन्त में पसीना आकर बुखार उतर जाता है। यह मलेरिया बुखार के लक्षण माने जाते हैं। इसमें रोगी के जिगर और तिल्ली आदि बढ़ जाते हैं। यह एनोफिलीस नामक मादा मच्छरों के द्वारा फैलता है।परिचय
:

कारण :

          मलेरिया का बुखार ज्यादातर बारिश के मौसम में होता हैं। इसका अभिप्राय यह हैं कि यह बुखार मच्छरों के द्वारा फैलता है। यह मच्छर पानी के गड्डो, पोखरों, नलियों आदि के रूके हुए पानी में पैदा होते हैं। एनोफिलीज़ नामक मच्छर मरीज का खून चूस लेते हैं। यही परजीवी युक्त मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटते हैं, तो वह इस रोग से पीड़ित हो जाता है।

लक्षण :

परहेज :
सावधानी : बरसात के दिनों में नालियों, गड्डों आदि में पानी इकट्टा न होने दें क्योंकि मच्छर इस गंदे पानी में ही अडें देते हैं। रोगाणुनाशक दवाओं जैसे- डी. डी. टी, बी. एच. सी. पाउडर, नीम या तम्बाकू का घोल या मिट्टी के तेल को सीलनभरी दीवारों, पोखरों, तालाबों, और नालियों में छिड़क दें। रोगी को पानी उबालकर पिलाना चाहिए और पत्ते वाली सब्जियां नहीं खाने को देनी चाहिए।maler
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. तुलसी :
2. करंजुआ : 5 ग्राम करंजुआ के बीजों को पीसकर बनी छोटी-छोटी गोली को बुखार आने से 2 घण्टे पहले और बुखार जाने के 2 घण्टे बाद पानी के साथ दिन में 2 बार लेने से लाभ मिलता है।
3. ढाक : 10 ग्राम ढाक के बीजों की गिरी और 10 ग्राम करंजवा के बीजों के गिरी को पानी में घिसकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर सुखा लें। बुखार आने के 4 घण्टे पहले यह 1 गोली पानी के साथ लेने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
4. जीरा :
5. प्याज : आधा प्याज का टुकड़ा लेकर उसके रस में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह और शाम में पीने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
6. हरड़ : 10 ग्राम हरड़ के चूर्ण को 100 मिलीलीटर पानी में पकाकर काढ़ा बना ले। यह काढ़ा दिन में 3 बार पीने से मलेरिया रोग में फायदा होता है।
7. चकोतरा :
8. चिरायता :
9. नमक :
10. नारंगी : 2 नारंगी के छिलके को 2 कप पानी में उबाल लें। पानी आधा रहने पर छानकर गर्म-गर्म पीनें से मलेरिया के बुखार में लाभ मिलता है।
11. सेब : बुखार में सेब खाने से बुखार जल्दी ठीक होता है। मलेरिया बुखार आने के पहले सेब खाने से बुखार आने के समय बुखार नहीं आता है।
12. अमरूद :
13. शहद 20 ग्राम शुद्ध शहद, आधा ग्राम सेंधानमक और आधा ग्राम हल्दी को पीसकर गर्म पानी में डालकर रात को पीने से बुखार और जुकाम ठीक हो जाता हैं।
14. नीम :
14. पित्तपापड़ा : 6 ग्राम पित्तपापड़ा और 3 ग्राम धनिया को एकसाथ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से पुराने बुखार में शान्ति मिलती है।
15. हारसिंगार : हारसिंगार के 7-8 पत्तों के रस, अदरक रस और शहद को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पुराने से पुराना मलेरिया बुखार समाप्त हो जाता है।
16. कंटकरंज : कंटकरंज के बीजों का चूर्ण लगभग आधा ग्राम से लेकर 1 ग्राम की मात्रा में कालीमिर्च के साथ सुबह और शाम लेने से मलेरिया, शीतज्वर, सविराम, अविराम आदि बुखार नष्ट हो जाते हैं। ध्यान रहें कि इसे खाली पेट न लें।
17. रोहिनी (मांस रोहिनी) : रोहिनी की छाल का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार देने से या इसका काढ़ा 28 मिलीलीटर को रोजाना 3 बार सेवन करने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता हैं।
18. महाबला : महाबला की जड़ और सोंठ को मिलाकर काढ़ा बनाकर रख लें। इस काढ़े को 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में लेने से मलेरिया के बुखार में लाभ मिलता है।
19. चिरईगोड़ा : चिरईगोडा़ (मिजुरगोरवा) के 50 ग्राम ताजे या छाया में सुखायें पत्तों को लगभग 1 लीटर पानी में 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह से धीमी आग पकाने के लिए रख दें। इसी काढ़े में चीनी मिलाकर चाय की तरह रोजाना दिन भर में मलेरिया के रोगी को 240 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से लाभ पहुंचता है। ध्यान रहें कि इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें।
20. भुईआंवला : भुई आंवला के पंचांग (तना, पत्ती, फल, फूल और जड़) का काढ़ा बनाकर 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
21. मिर्च :
22. मल्लसिन्दूर : लगभग एक चौथाई से कम मल्लसिन्दूर को तुलसी के पत्ते का रस के साथ सुबह और शाम लेने से मलेरिया का बुखार कम हो जाता है। 
23. शिलासिन्दूर: लगभग एक चौथाई से कम की मात्रा में शिलासिन्दूर को 10 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस के साथ बुखार आने से पहले 2-2 घण्टे के अन्तराल पर देने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता है।
24. कूठ : लगभग आधा ग्राम कूठ को घी और शहद के साथ सुबह और शाम सेवन करने से मलेरिया बुखार में लाभ होता है।
25. श्रंगरहार (परिजात) : श्रंगरहार के पत्तों को यवकुट कर काढ़ा बनाकर सुबह और शाम 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से मलेरिया बुखार में राहत मिलती है।
26. धनिया :
27. पीपल : पीपल के 3 पत्तों को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से श्वास (दमा), खांसी के साथ मलेरिया बुखार भी ठीक होता है।
28. छाछ : छाछ पीने से हर चौथे दिन आने वाला मलेरिया का बुखार ठीक होता है।   
29. लहसुन :
30. मुलेठी : 10 ग्राम छिली हुई मुलेठी, 5 ग्राम खुरासानी अजवाइन तथा थोड़े से सेंधानमक को एकसाथ मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से मलेरिया का बुखार दूर होता है।
31. आक :
32. अड़ूसा (बाकस) : अड़ूसा की जड़ की छाल को आधा ग्राम से 1 ग्राम या पत्ते के चूर्ण लगभग 1 चौथाई से कम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ सेवन करने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता है।
33. शीतभज्जी : लगभग एक चौथाई शीतभज्जी का रस, पान के रस व शहद के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
34. गोदन्ती : लगभग एक चौथाई से कम की मात्रा में गोदन्ती और इतनी की मात्रा में शुद्ध स्फटिका को एकसाथ मिलाकर मलेरिया का बुखार आने से पहले 2 घंटे पहले लेने से बुखार नहीं चढ़ता है।
35. जवाखार : 3 ग्राम जवाखार और 3 ग्राम पीपल को पीसकर गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। सुबह और शाम 1-1 गोली को गर्म पानी से लेने से मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
36. कपूरचूरा : 5 ग्राम कपूरचूरा को पानी से सेवन करने से मलेरिया के कारण लगने वाली ठंड़ उतर जाती है।
37. हींग : 2 ग्राम हींग को 2 ग्राम गुड़ में मिलाकर सुबह और शाम लेने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता है।
38. सफेद कत्था : 10 ग्राम सफेद कत्था और 6 ग्राम मल्लसिन्दूर को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इसे नीम के रस में घोटकर उड़द के रूप में गोलियां बना लें। बुखार आने से 1 घण्टे पहले यह गोली लेने से जवानों का बुखार उतर जाता है। ध्यान रहें की यह गोली बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को नहीं लेनी चाहिए।
39. गुड़ : 10 ग्राम गुड़ और 3 ग्राम कालाजीरा को एक साथ मिलाकर दिन में 4 बार 2-2 घण्टे के अन्तराल से 2-3 ग्राम की मात्रा में खाने से मलेरिया का बुखार नहीं होता है।
40. गिलोय :
41. बेल : बेल के पत्ते का रस 7 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम लेने से मलेरिया के बुखार में लाभ मिलता है।
42. नाड़ी हिंगु (डिकामाली) : आधा से 2 ग्राम नाड़ी हिंगु को गर्म पानी मे घोलकर, छान लें। इस घोल को सुबह और शाम लेते रहने से नियतकालिक बुखार में आने वाला कंपन कम हो जाता है।
43. कुटकी : 5 से 10 ग्राम कुटकी के चूर्ण को शहद के साथ सुबह और शाम लेने से नियतकालिक बुखार नष्ट होता है।
44. इन्द्रायव : इन्द्रायव के भूने हुए चूर्ण को 1 से 4 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह और शाम सेवन करने से पर्यायिक और शीत बुखार कम हो जाता है। इसका काढ़ा गुर्च (गिलोय) के साथ बनाकर लेने से लाभ होता है।
45. मैनफल : मैनफल का गूदा, लौंग और दालचीनी के साथ लेने से 1 से 2 ग्राम की मात्रा में लेने से पारी से आने वाले बुखार में लाभ होता हैं। ध्यान रहें कि इसका अधिक सेवन करने से उल्टी (वमन) हो सकती है।
46. सत्यानाशी (पीला धतूरा) : पीला धतूरा का दूध 1 से 2 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम नींबू के रस के साथ घोटकर पीने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता हैं।     
47. भारंगी (बभनेटी) : बभनेटी के पत्तों की सब्जी बनाकर खिलाने से मलेरिया के रोगी को बुखार से छुटकारा मिलता है।
48. आकड़ा : आकड़े के फूल की दो डोडी (बिना खिले फूल) को जरा-से गुड़ में लपेटकर मलेरिया ज्वर आने से पहले खाने से मलेरिया ज्वर नहीं चढ़ता है।
49. दूब हरी : मलेरिया ज्वर में दूब के रस में अतीस के चूर्ण को मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटने से, पारी से चढ़ने वाले मलेरिया ज्वर में लाभ मिलता है।
50. फिटकरी :
51. कलौंजी : आधा चम्मच पिसी हुई कलौजी को 1 चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से चौथे दिन आने वाला बुखार ठीक हो जाता है।
52. अजवाइन : मलेरिया बुखार के बाद हल्का-हल्का बुखार रहने लगता है। इसके लिए 10 ग्राम अजवाइन को रात में 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें और सुबह पानी गुनगुना करके जरा सा नमक डालकर कुछ दिन तक सेवन करने से बुखार मे आराम होता हैं।
53. नींबू :
54. अमरूद :
55. भांग : शुद्ध भांग का चूर्ण 1 ग्राम, गुड़ 2 ग्राम, दोनों को मिलाकर 4 गोलियां बना लेते हैं। जाड़े का बुखार दूर करने के लिए 1-2 गोली 2-2 घंटे के अन्तर से दें या शुद्ध भांग की 1 ग्राम गोली बुखार में 1 घंटा पहले देने से बुखार का वेग कम हो जाता है।
56. श्योनाक-
57. अपामार्ग : अपामार्ग के पत्ते और कालीमिर्च को बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर मटर के दानों के बराबर की गोलियां तैयार कर लें। जब मलेरिया फैल रहा हो, उन दिनों यह 1-1 गोली सुबह-शाम भोजन करने के बाद नियमित रूप से सेवन करने से मलेरिया के बुखार का शरीर पर आक्रमण नहीं होगा। इन गोलियों का 2-4 दिन सेवन करना पर्याप्त होता है।
58. बैंगन : कोमल बैंगन को अंगारों पर सेंककर रोजाना सुबह के समय खाली पेट गुड़ के साथ खाने से मलेरिया बुखार से तिल्ली बढ़ जाने में और उसके कारण शरीर पीला पड़ जाने में लाभ होता है।
59. अतीस : 1 ग्राम अतीस के चूर्ण और 2 कालीमिर्च के चूर्ण को एकसाथ मिलाकर दिन में 3-4 बार पानी से सेवन करने से मलेरिया का बुखार दूर हो जाता है।
60. आयापान :