बच्चों के यकृत दोष
बच्चों के खाने-पीने पर ध्यान नहीं देने से यकृत (जिगर) में खराबी आने से प्रदाह (जलन), शोथ (सूजन) आदि आ जाते हैं।परिचय :
विभिन्न औषधियों से उपचार-1. अजवायन :
3. तारपीन : यकृत (जिगर) की जगह पर दर्द होने पर तारपीन के तेल से मालिश करके गर्म कपड़े से सिंकाई करने से बच्चों की यकृत की बीमारी ठीक हो जाती है।
4. राई : राई को सिल पर पीसकर हल्का-हल्का गर्म लेप करने से लाभ होता है।
5. त्रिफला : यकृत (जिगर) में सूजन होने पर त्रिफले के हल्के गर्म काढे़ में शहद मिलाकर रोजाना सुबह-शाम 10 से 20 मिलीलीटर बच्चों को खिलाने से जिगर के रोग में आराम आता है।
6. मकोय : 20 मिलीलीटर मकोय का रस और 20 मिलीलीटर मूली के रस को मिलाकर रोजाना 2 बार पिलाने से यकृत (जिगर) के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
7. करेला : करेले के फल अथवा पत्तों के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से यकृत (जिगर) के रोग ठीक हो जाते हैं।
8. पुष्कर मूल : यकृत की वृद्धि (जिगर बढ़ने) में बच्चों को पुष्कर मूल की लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम सुबह-शाम सेवन कराने से आराम होता है।
9. इलायची : लगभग आधा ग्राम छोटी इलायची के चूर्ण को सेंककर सुबह-शाम बच्चे को खिलाने से यकृत (जिगर) की सूजन और दर्द में लाभ होता है।
10. अगस्ता :