खसरा khasra
यह बच्चों को होने वाला छूत का रोग है। यह एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलता है। इसका एक कारण एक प्रकार का वायरस भी माना गया है जो सांस लेने की क्रिया के द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।परिचय :
विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिंदी | खसरा |
अंग्रेजी | मीजल्स |
बंगाली | हम |
गुजराती | ओडि खसरा |
कन्नड़ | थोट्ट, दादरड |
असम | लुटिअइ |
मलयालम | पोगन्न, मन्नल |
मराठी | गोवर |
उड़िया | मिलीमिला |
तमिल | मनलवारी |
तेलगू | चिन्नामवारू |
लक्षण :
कारण :
2. कुसुम : कुसुम के सूखे फूल गर्म जल के पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से शरीर का जहर जल्दी बाहर निकल जाता है।3. बनहल्दी : लगभग 1 से 2 ग्राम बनहल्दी को सुबह-शाम सेवन करने से जहर का असर जल्दी बाहर निकल आता है। रोगी जल्दी ठीक हो जाता है। इसे पानी में घोलकर बाह्य लेप भी करें।
4. शहद : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम केसर को शहद या नारियल के पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से जहर जल्दी से बाहर आकर रोग से मुक्ति मिलती है।
5. गोलोचन : गोलोचन डाभ (नारियल) के पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खसरा में लाभ होता है।
6. खस : खस (वीरन मूल) को पीसकर खसरे के दानो पर लेप करने से शांति मिलती है तथा खसरे की जलन कम होती है।
7. दमन पापड़ा : खसरे के रोगी को 25 से 50 मिलीलीटर दमनपापड़ा का काढ़ा सुबह-शाम देना चाहिए। माता रोमानितका जोकि खसरा के नाम से भी जाना जाता है, के रोग में ``दमन पापड़ा´´ एक बहुत ही अच्छी औषधि मानी गई है।
8. लौंग :
- जब खसरे के दाने पूरी तरह बाहर आ जायें तो लौंग को घिसकर शहद के साथ रोजाना 2-3 बार देने पर खसरा ठीक हो जाता है।
- खसरा निकलने पर 2 लौंग को घिसकर शहद के साथ प्रयोग कराने से खसरा रोग ठीक होता है।
- खसरे के रोग में बच्चे को बहुत ज्यादा प्यास लगती है। बार-बार पानी पीने से उसे वमन (उल्टी) होने लगती है। ऐसी हालत में पानी को उबालते समय उसमें दो-तीन लौंग डाल दें। फिर उस पानी को छानकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी बच्चे को पिलाने से प्यास समाप्त हो जाती है।
10. महुवा : खसरा निकलने से पहले यानी कि जब महसूस हो कि खसरा निकलने वाला है तो 5 ग्राम महुआ को पीसकर शहद में मिलाकर रोगी को चटाने से खसरा नहीं निकलेगा।
11. कपूर :
13. करेला : रोगी को करेले के पत्तों का रस एक चम्मच रोज पिलाने से खसरे के रोग में लाभ होता है।
14. नीम :
16. मिश्री : बोदरी माता से शरीर मे गर्मी हो तो मक्खन और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर दो चम्मच रोजाना सुबह सेवन कराने से खसरा का रोग ठीक हो जाता है।
17. हल्दी : करेले के पत्तों के रस में 1 से 2 ग्राम पिसी हुई हल्दी मिलाकर बच्चे को पिलाने से खसरे का असर कम हो जाता है।
18. आंवला : नागरमोथा, धनिया, गिलोय, खस और आंवला को बराबर मात्रा में पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इसमें से 5 ग्राम चूर्ण को 300 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को छानकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चे को पिलाने से बहुत आराम आता है।
19. मुलहठी : गिलोय, अनार के दाने, किशमिश और मुलहठी को बराबर मात्रा मे लेकर पीस लें, फिर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर दिन में दो से तीन बार खिलाने से खसरे का असर कम होता है।
20. चंदन : खसरे में छोटे-छोटे दानों में जलन होने पर चंदन को पानी के साथ घिसकर शरीर पर लगाने से जलन समाप्त होती है।
21. गूलर :
23. मेथिका : मेथिका बीज को पानी में उबालकर प्रयोग करने से विस्फोट की तीव्र अवस्था (खसरे के दानों की वजह से शरीर में बहुत जलन होना) को शांत करने में बहुत ही उपयोगी है।
24. कज्जली : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कज्जली को कारवेल्लक फल के रस के साथ दिन में 2 बार पीने से खसरे के रोग में लाभ होता है।
25. हरिद्राचूर्ण : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तण्डुलीयक पत्तों के काढ़े में कुछ भाग पटोल फल का चूर्ण, हरिद्रा चूर्ण और 1 ग्राम आमलकी चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
26. त्रिफला : लगभग 5 से 15 मिलीलीटर खदिर, त्रिफला, निम्ब पत्र, पटोल पंचांग, गुडूचीकांड तथा वासा पत्र के थोड़े से भाग का काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार पीना चाहिए।
27. हरिद्रा (हल्दी): 5 से 10 मिलीलीटर कृष्ण जीरक (काला जीरा) काढ़ा, 250 ग्राम हरिद्रा चूर्ण के साथ दिन में 3 बार प्रयोग करना चाहिए।
28. आंवला : खसरा निकलने के बाद शरीर में जलन, खुजली हो तो सूखे आंवलों को पानी में उबालकर ठंडा होने पर इससे नित्य शरीर धोने से शरीर की खुजली और जलन दूर हो जाती है।
29. खस (पोस्त के दाना) : खस, चंदन और हल्दी समान मात्रा में मिलाकर पीस लें और गुलाबजल में पीसकर लेप बनायें। खुजली वाले अंगों पर सुबह-शाम लगायें।
30. ब्राह्मी : ब्राह्मी के रस में शहद मिलाकर पिलाने से खसरा की बीमारी समाप्त होती है।