आंत्रिक ज्वर (टायफाइड)
प्रदूषित वातावरण और दूषित जल व आहार के अधिक समय तक सेवन करने से आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) उत्पन्न होता है। आंत्रिक ज्वर को मियादी बुखार, मोतीझारा आदि अनेक नामों से संबोधित किया जाता है। आंत्रिक ज्वर से पीड़ित रोगी शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा न दी जाये तो रोगी की मृत्यु हो सकती है।परिचय :
विभिन्न नाम-
1. मुनक्का :
मुनक्का को बीच में से चीरकर उसमें कालानमक लगाकर, हल्का सा सेंककर खाने से टायफाइड के बुखार में बहुत जल्दी आराम आता है। आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार मुनक्का के सेवन से आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) के जीवाणु भी नष्ट होते हैं। मुनक्का को अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ज्यादा मुनक्का खाने से अतिसार हो सकता है।
3-3 ग्राम की मात्रा में मुनक्का, अड़ूसा, हरड़ को लेकर 300 मिलीलीटर पानी में डालकर उसका काढ़ा बना ले फिर उसमें शहद और मिश्री को मिलाकर रोगी को पिलाने से आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) में आराम आता है।
आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) होने पर तेलीय जुलाब देने से रोगी को हानि पहुंच सकती है, इसलिए 3-4 मुनक्का दूध में उबालकर पीने से रोगी की मलक्रिया में रुकावट आना आसानी से दूर हो जाती है।
3. अजमोद : 3 ग्राम अजमोद का चूर्ण शहद के साथ सुबह और शाम चाटने से टायफाइड रोग में आराम आता है।
4. काली तुलसी : 3-3 ग्राम की मात्रा में काली तुलसी, बनतुलसी, और पोदीना का रस निकालकर रोगी को 3 ग्राम की मात्रा में 2-3 बार पिलाने से टायफाइड में काफी लाभ होता है।
5. लौकी : घीये (लौकी) के टुकड़ों को पैरों के तलुओं पर मलने से टायफाइड ज्वर की उष्णता कम होती है।
6. सरसों का तेल : सरसों के तेल में सेंधानमक मिलाकर छाती पर मलने से टायफाइड रोग के कारण जमा हुआ कफ (बलगम) आसानी से निकल जाता है और खांसी कम हो जाती है।
7. मूंग की दाल : टायफाइड ज्वर में रोगी को मूंग की दाल बनाकर देने से आराम आता है। मूंग की दाल में मिर्च, मसाले, तेल तथा घी आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
8. चित्रक : रूद्राक्ष के एक पीस (नग) को पानी के साथ घिसकर, 1 ग्राम चित्रक की छाल के चूर्ण में मिलाकर सेवन करने से आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) के दाने शीघ्र ही निकल जाते हैं।
9. लौंग :
11. कपूर : लगभग आधा ग्राम कपूर या कर्पूरासव 5 से 20 बूंद की मात्रा में सेवन करने से रक्तवाहिनियों का विस्तार होता है जिससे पसीना आकर ज्वर (ताप) कम हो जाता है। कपूर को पतले कपड़े में बांधकर पानी में डुबाकर हिला देने से कर्पूराम्ब प्राप्त होता है।
12. लौंग : आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) की शुरुआत में रोगी को अनाज से बने खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए। आंतों में जीवाणुओं का संक्रमण होने से आंतों में जख्म बन जाते हैं। रोगी को प्यास भी अधिक लगती है और अधिक पानी पीने से उल्टी होने लगती है। ऐसे पानी में 2-3 लौंग उबालकर, छानकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाना चाहिए।
13. पीपल : पीपल की छाल को जलाकर, पानी में बुझाकर, छानकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से प्यास शान्त होती है और उल्टी भी नहीं होती है।
14. खमीरा : टायफाइड को दूर करने के लिये खमीरा चाटने से दिल की धड़कन सामान्य होती है।
15. कपूर : आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) में अतिसार (दस्त) को तुरन्त बन्द करने के लिए रोगी बच्चे को कपूर की गोली खरल में पीसकर पानी के साथ सेवन कराने से लाभ होता है।
16. कमलगट्टे : कमल गट्टे और इलायची को बराबर मात्रा में लेकर, कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से आंत्रिक ज्वर (टायफाइड) में बहुत लाभ होता है।
17. संतरा : नारंगी के प्रयोग से गर्मी, बुखार और अशान्ति दूर होती है। रोगी को दूध में नारंगी का रस मिलाकर पिलायें या दूध पिलाकर नारंगी खिलायें। दिन में कई बार नारंगी का सेवन कराना चाहिए। रोगी को नारंगी खिलाकर दूध पिलायें। इससे गर्मी कम होती है, पेशाब एवं मल खुलकर होता है।
18. सेब : सेब का मुरब्बा 15-20 दिन खाते रहने से टायफाइड रोग में दिल की कमजोरी और दिल का बैठना ठीक हो जाता है।
19. केला : टायफाइड के रोगियों के लिए केला एक अच्छा भोजन है क्योंकि यह भूख प्यास को कम करता है।
20. पोदीना : पोदीना, रामतुलसी (छोटे और हरे पत्तों वाली तुलसी) और श्यामतुलसी (काले पत्तों वाली तुलसी) का रस निकालकर उसमें थोड़ा-सा शक्कर (चीनी) मिलाकर सेवन करने से टायफाइड (मोतीझारा) के रोग में लाभ होता है।
21. सौंठ : 3 ग्राम सौंठ को बकरी के दूध में पीसकर सगर्भा (गर्भवती) स्त्री को सेवन कराने से टाइफायड बुखार में लाभ होता है।
22. अनार : अनार के पत्तों के काढे़ में आधा ग्राम सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से आंत्रिकज्वर (टायफाइड) में लाभ होता है।
23. नमक : एक चम्मच नमक को एक गिलास पानी में घोलकर दिन में 1 बार रोजाना पीने से आन्त्र ज्वर (टायफाइड) कम हो जाता है और धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
24. तुलसी :