स्वप्नदोष
रात के समय सोते हुए अपने आप या अश्लील स्वप्न देखते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है।परिचय :
त्रिफले का चूर्ण और शहद दोनों को मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है।
त्रिफला का चूर्ण 4-6 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
त्रिफला 12 ग्राम, गुड़ 24 ग्राम, वच और भीमसेनी कर्पूर 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर सबको पानी के साथ मिलाकर छोटी-छोटी एक समान गोली बना लें, 1 से 2 गोलीयों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष व शीघ्रपतन दूर हो जायेगा।
शतावर, मूसली, विदारीकन्द, असगंध, गोखरू या इलायची के बीज इनमें से 2-3 वनौशधि को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पीसकर रख लें, और मिश्री को मिलाकर 3 ग्राम पानी के साथ पीने से लाभ होता है।
शतावरी, असगंध, विधारा 20-20 ग्राम कूटकर छानकर रख लें, इसमें 60 ग्राम खांड़ मिलाकर 10-20 ग्राम की मात्रा में दिन सुबह-शाम दूध के साथ लें।
शतावर के रस को शहद मे मिलाकर पीने सुबह-शाम से स्वप्नदोष दूर होता है।
गुलाब के फूल और छोटी दूधी का चूर्ण बराबर मिश्री मिलाकर पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष के दोष को खत्म करता है।
गुलाब के 4-5 फूल तोड़कर उन्हे साफ पानी से धोयें और पंखुड़ियां अलग करके उनमें उतनी ही मिश्री का चूर्ण मिला कर सुबह-शाम खाकर और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक कर सकते हैं।
गुलाब का शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष पर लाभ मिलता है।
2 ग्राम धनिये को पीसकर उसमें 3 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक पानी के साथ पीने से स्वप्नदोष का रोग खत्म होता है।
सूखे धनिये तथा मिश्री को बराबर मात्रा में कूटकर चूर्ण बना लें और किसी ढक्कनदार बर्तन में भरकर रख दें। इस चूर्ण में से 5-6 ग्राम के लगभग, ताजा जल के साथ सुबह-शाम कुछ दिनों तक लेने से अनैच्छिक वीर्यपात, स्वप्दोष आदि विकारों से मुक्ति मिल जाती है।
सूखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई चीनी मिला लें। सुबह खाली पेट बासी पानी से 1 चम्मच की फंकी लें और 1 घण्टे तक कुछ न खायें, पीयें। इसी तरह 1-1 खुराक शाम को 5 बजे सुबह के पानी के साथ लें। अगर कब्ज हो तो रात को सोने के समय 2 चम्मच ईसबगोल की भूसी गरम दूध से लें। इससे स्वप्नदोष की बीमारी दूर हो जाती है।
धनियां, नीलोफर, कुर्फा के बीज, काहू के बीज,कासनी के बीज और शीतलचीनी 20-20 ग्राम, अलसी के दाने 100 ग्राम और ईसबगोल 25 ग्राम की मात्रा में सबको कूट कर छान लें। फिर इस चूर्ण से 2-3 ग्राम की मात्रा मे लेकर बराबर भाग में मिश्री को मिलाकर पानी के साथ सुबह-शाम लें।
बड़ी गोखरू की फांट या घोल को सुबह-शाम प्रयोग करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
बड़ी गोखरू के फल का 25 ग्राम चूर्ण 250 मिलीलीटर उबलते पानी में डालकर छोड़ दें। 1 घंटे बाद छान लें। इसमें से थोड़ा-सा बार-बार पिलाने से स्वप्नदोष दूर होता है।
शक्कर और घी बड़ी गोखरू के साथ खायें और ऊपर से दूध पी लें इससे भी स्वप्नदोष में लाभ होता है।
छिरेंहटी के सूखे पत्ते 50 ग्राम, हरड़, बहेड़ा और आमला 20-20 ग्राम, बबूल का गोंद 25 ग्राम और कतीरा गोंद 10 ग्राम। सबको कूट छान कर छिरेंहटा के ही रस में खरल करके, बारीक चूर्ण के रूप में ही शीशी में भर कर रखें। 5-6 ग्राम यह चूर्ण ताजा पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष और वीर्य की कमी को दूर होती है।
छिरेंहटी के सूखे पत्ते 200 ग्राम तथा गाय के घी के साथ भूनी हुई छोटी हरड़ 50 ग्राम को पीस-छान कर दोनों के बराबर मिश्री मिला ले और 10-15 ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे स्वप्नदोष मे लाभ होता है।
छिरेंहटी का पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) सूखे हुए 50 ग्राम, सूखी हुई दुर्बा 25 ग्राम, छोटी इलायची के बीज और कतीरा गोंद 12-12 ग्राम तथा मिश्री 100 ग्राम आदि को एक साथ लेकर अच्छी तरह से कूट लें। फिर इस बने चूर्ण को 10-12 ग्राम सुबह-शाम गाय के गर्म दूध के साथ खायें। इससे प्रमेहजन्य (वीर्य विकार से उत्पन्न रोग) अनेक उपसर्ग दूर होते हैं। वीर्य का पतलापन और स्वप्नदोष दूर होता है।
छिरेंहटी के हरे पत्ते 10-12 ग्राम और 5-6 काली मिर्च लेकर बारीक पीस लें। चाहे तो बादाम की छिली हुई मींगियां और सौंफ भी मिला सकते है। रोज कुछ दिनों तक खाने से लाभ मिलता है।
छिरेंहटी का रस और गिलोय का रस बराबर भाग लेकर उसके साथ शहद मिला लें और खायें इससे शीघ्रपतन और स्वप्नदोष में लाभ मिलता है।
छिरेंहटी को आमले के रस में खरल करके मिश्री या शहद के साथ मिलाकर 15-20 ग्राम की मात्रा में लेकर स्वप्नदोष के रोगी को खिलायें।
छिरेंहटी छाया में सुखा कर चूर्ण कर लें और कतीरा के गोद में 12 घंटे डुबोकर 1 ग्राम की गोली बनाकर 12 घंटे छाया में सुखा लें। 1 से 2 गोली को खुराक के रूप में ताजा पानी के साथ, सुबह-शाम खाने से लाभ मिलेगा।
वंशलोचन का चूर्ण बनाकर 1-2 ग्राम को सुबह-शाम गाय के दूध के साथ 40 दिनों तक खाने से लाभ मिलता है।
वंशलोचन, शुद्ध शिलाजीत छोटी इलायची, सफेद मिर्च, मस्तंगी, शीतलचीनी, कुन्दरू, राल और हल्दी 10-10 ग्राम लेकर, चंदन के तेल के साथ कूट लें और मटर के बराबर गोली बना कर रोज 1-2 गोली ताजा पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष मिट जाता है। साथ ही पेशाब के संग आने वाला घात, पेशाब की रुकावट आदि भी दूर होती है।
वंशलोचन और शिलाजीत 40-40 ग्राम लेकर पीसकर रखें, फिर इसमें 10 ग्राम सत गिलोय को मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ रोगी को सुबह-शाम सेवन करके ऊपर से मिश्री मिलाकर दूध पिलाने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है।