अण्डकोष की खुजली





अण्डकोष की खुजली


 परिचय :

          मनुष्य जननांगों को अपने शरीर का सबसे गन्दा हिस्सा समझता है। इस वजह से वह जननांगों की साफ सफाई की ओर खासतौर पर ध्यान नहीं रखता है जिसके कारण वह कई यौन रोगों से पीड़ित हो जाता है। जननांगों के रोग में एक रोग है अण्डकोष की खुजली। यह अण्डकोष में साफ सफाई न रखने के कारण उत्पन्न होता है। इसमें अण्डकोषों पर मैल की एक मोटी परत जम जाती है जो खुजली और खुश्की का रूप ले लेती है।
विभिन्न भाषाओं में नाम :

अरबी           

जुली खजुयाती

बंगाली

बृषण कच्छू

कन्नड

बन्दातुरीके

मराठी

वृषनकच्छु

उड़िया

घउमदाता

तमिल

विराइल पदाइ

अंग्रेजी

एक्जिमा आफ दि स्त्रोटम




कारण :
2. कालीमिर्च : अण्डकोष में काण्ड जैसी मैल जम जाने पर कालीमिर्च को दही के साथ घिसकर या अच्छी तरह पीसकर लगाने से मैल छूट जाती है।
3. प्याज : प्याज का रस सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से खुजली और अन्य प्रकार की खुजली मिट जाती है।
4. सुहागा : 100 मिलीलीटर पानी में 4 ग्राम सुहागा घोलकर रोजाना 2-3 बार अण्डकोष को धोने से कण्डू नहीं जमते और खुजली मिट जाती है।
5. छरीला : छरीला से निर्मित तेल से अण्डकोष की खुजली से आराम मिलता है।
6. नागरमोथा : नागरमोथा को पीसकर अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष की खुजली में लाभ होता है।
7. गिलोय : गिलोय के रस को गुग्गल के साथ या कड़वी नीम के साथ या हरिद्रा, खदिर और आंवले के काढ़े के साथ रोजाना 3 मात्रा में सेवन करने से अण्डकोष की खुजली मिट जाती है।
8. कनेर : सफेद या लाल फूल वाली कनेर की जड़ को तेल में सिद्ध कर तेल लगाने से कण्डु, खुजली फोडे़, फुंसी, सभी मिट जाते है।
9. पानी : अण्डकोष की सूजन पर गर्म पानी से सिंकाई करने से सूजन दूर हो जाती है।