पोथकी
पोथकी आंखों का बहुत ही भयंकर रोग है। पोथकी को जनसाधारण में `रोहे´ कहा जाता है। पोथकी रोग किसी रोगी से सिर्फ हाथ मिलाने से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है। संसार में सबसे ज्यादा लोग इस रोग के कारण अंधे हो जाते हैं।परिचय :
कारण :
लक्षण :
1. त्रिफला :- 30 ग्राम त्रिफला को रात को 300 मिलीलीटर पानी में डालकर रख लें। सुबह उठकर इस पानी को कपडे़ से छान लें। इस पानी से रोजाना आंखों को धोने से पोथकी रोग में बहुत लाभ होता है।
- त्रिफला 10 ग्राम, 5 ग्राम सेंधानमक, 5 ग्राम फिटकरी और 100 ग्राम नीम के पत्तों को 300 मिलीलीटर पानी में उबालकर कपड़े से छानकर आंखों को धोने से सूजन उतर जाती है।
3. सहजना : 25 मिलीलीटर सहजने का रस और 25 ग्राम असली शहद को किसी कांच की शीशी में मिलाकर रखें। रोजाना इस मिश्रण को सलाई से आंखों में लगाने से अनेक प्रकार के आंखों के रोग समाप्त हो जाते हैं।
4. सत्यानाशी :
- सत्यानाशी के दूध को आंखों में सलाई से सुरमे की तरह लगाने से पोथकी की बीमारी समाप्त हो जाती है।
- सत्यानाशी के रस को किसी कांच के बर्तन में डालकर कुछ दिनों के लिए धूप में सूखने के लिये रख दें। जब यह सूखने पर बहुत ज्यादा गाढ़ा हो जाये तो इसकी वर्तिका (गोली) बनाकर रख लें। इस गोली को अच्छी तरह से पीसकर मक्खन में मिलाकर आंखों में लगाने से अंधेपन का रोग दूर हो जाता है।