आंखों का दर्द



आंखों का दर्द

(PAINFUL EYE)


    कभी-कभी ऐसा होता है कि आंखों की जांच करवाने पर आंखों में कोई रोग नहीं निकलता और न ही आंखें लाल होती हैं और न ही सूजन या कोई दूसरा रोग होता है। फिर भी चक्षुगोलकों (आंखों के गोलाकार भाग में) में दर्द होता है जो स्नायविक कारणों से होता है।परिचय :

विभिन्न औषधियों से उपचार:
1. शहद :
  • आंखों में किसी चीज के गिर जाने से अगर दर्द हो रहा हो तो शहद या एरंड तेल (कस्टर आयल) की 1 से 2 बूंद आंखों में डालने से आंखों में गिरी हुई चीज बाहर आ जायेगी और आंखों में कुछ चुभना दूर हो जायेगा।
  • शहद के साथ निबौली (नीम का फल) के गूदे को मिलाकर आंखों में अंजन (काजल के समान लगाना) करना चाहिए।
  • शुद्ध शहद को सलाई या अंगुली की सहायता से काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों के दर्द में लाभ होता है।
2. आंवला : आंवले के बीजों के काढ़े से आंखों को धोने से आंखों का दर्द दूर होता है। आंवले का चूर्ण रात भर जिस पानी में भिगोया गया हो उस पानी से आंखों को धोने से भी लाभ होता है।
3. चम्पा : चम्पा के फूलों को तिल के तेल में पीसकर सिर पर बांध लें और पलकों पर लेप करें। इससे आंखों का दर्द दूर हो जाता है।
4. फिटकरी :
  • आधा ग्राम फिटकरी को पीसकर उसके अंदर 20 मिलीलीटर गुलाब का रस मिलाकर आंखों में दिन में 3 बार डालने से लाभ होता है।
  •  2 ग्राम पिसी हुई फिटकरी, आधा ग्राम अफीम और 40 मिलीलीटर गुलाब के रस को मिलाकर कपड़े से छानकर आंखों में दिन में 3 बार डालना चाहिए।
  • 3-3 ग्राम फिटकरी और शोराकलमी को पीसकर कपड़े से छान लें, फिर उसमें 60 मिलीलीटर गुलाब के रस को मिलाकर आंखों में सुबह-शाम डालने से आंखों के दर्द में लाभ होता है।
  • 1 ग्राम फिटकरी को पीसकर उसमें 40 मिलीलीटर गुलाबजल मिलाकर रख लें। ड्रापर (जिससे आंखों में दवा डाली जाती है) द्वारा इस लोशन की 2-2 बूंदें दिन में 2 से 3 बार आंखों में डालने से आंखों का दर्द, आंखों का लाल होना और कीचड़ या गीड़ का निकलना आदि बंद हो जाता है। आंखों के दर्द के लिए यह बहुत उत्तम दवा है। यदि गुलाबजल न मिले तो उसकी जगह डिस्टिल वाटर या उबला हुआ पानी ठंडा करके इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फिटकरी की एक डली को पानी में डुबोकर डली से गिरने वाली बूंदों को आंखों में रोजाना 2 से 3 बार डालने से आंखों के दर्द में लाभ होता है।
5. बेर : बेर की गुठली को अच्छी तरह से बारीक पीसकर गर्म पानी से छान लें। फिर इस पानी को आंखों में डालने से आंखों का लाल होना और आंखों का दर्द आदि रोग समाप्त होते हैं।
6. धतूरा : अगर आंखों में दर्द हो रहा हो तो पके धतूरे के पत्ते का रस अथवा नीम के कोमल पत्तों का रस या दोनों के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर दोनों कानों में डालने से आंखों का दर्द ठीक हो जाएगा।
7. नमक : गर्म पानी में नमक घोलकर उसके अंदर कपड़े को भिगोकर रोजाना 2 से 3 बार थोड़ी-थोड़ी देर आंखों की सिंकाई करने से आंखों को आराम मिलता है।
8. दूब : हरी दूब (घास) का रस पलकों पर लेप करने या उसको पीसकर लुगदी बनाकर रात में सोते समय आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द और जलन दूर हो जाती है। इससे आंखों का धुंधलापन दूर हो जाता है। इसे कुछ दिनों तक लगातार प्रयोग करना चाहिए।
9. बादाम : छिलके उतारे हुए बादाम की गिरी में एक कपूर को पीसकर आंखों में लगाने से आंखों के दुखने की स्थिति में आराम मिलता है।
10. सुहागा : भुने हुए सुहागे को पीसकर कपडे़ में छानकर सलाई से सुबह-शाम आंखों में लगाने से आराम आता है।
11. रूई : जब यह पता चल जाए कि आंखें दुखने आने वाली हैं तो उसी समय जिस आंख में दर्द हो उस तरफ के कान में रूई ठूंस दें। 2 से 3 घंटों में ही पूरा आराम आ जाएगा।
12. मुलहठी : मुलहठी के काढ़े से आंखों को धोने से आंखों के रोग दूर हो जाते हैं। मुलहठी की जड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम खाने से आंखों की जलन मिटती है तथा आंखों की ज्योति बढ़ती है।
13. चीनी :
  • देशी शक्कर (बूरा) या बताशे को रोटी के साथ खाने से आंखों का दर्द नष्ट हो जाता है।
  • शक्कर 1 हिस्सा और धनिया 3 हिस्सा लेकर उसका बारीक चूर्ण खौलते पानी में डालकर 1 घंटे तक ढककर रख लें। फिर उसे कपड़े से छानकर किसी साफ स्वच्छ बोतल में भर लें। उसमें से 2-2 बूंद दवा सुबह-शाम आंखों में डालने से दु:खती आंखें 2-3 दिन में अच्छी होती हैं।
14. चिरायता : चिरायता को पानी में घिसकर आंखों पर लेप करने से आंखों की ज्योति बढ़ती है और आंखों के अनेक रोगों में आराम मिलता है।
15. कागजी नींबू : लौहे के तवे पर अफीम और दन्ती को नींबू के रस में खरल करें और आंखों के ऊपर लेप करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
16. गेंदा : गेंदे के पत्तों को पीसकर टिकिया के रूप में आंखों की पलकों को बंद करके पलकों के ऊपर रखें। इससे आंखों का दर्द बहुत जल्दी ही ठीक हो जाता है।
17. इलायची : इलायची के दाने और शक्कर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें, फिर 4 ग्राम चूर्ण को एरंड के साथ सेवन करने से मस्तिष्क और आंखों को ठंडक मिलती है तथा आंखों की रोशनी तेज होती है।
18. कपूर : कपूर का चूरा आंखों में काजल की तरह लगाना चाहिए। कई लोग नींद न आने के लिए कपूर को आंखों में लगाते हैं।
19. ग्वारपाठा :
  • ग्वारपाठे के गूदे में हल्दी का चूर्ण मिलाकर गर्म करें और सहनीय अवस्था में पैरों के तलुवों में लगाकर बांधे। इससे आंखों का दर्द दूर होता है।
  • ग्वारपाठे का गूदा आंखों में लगाने से आंखों की लाली मिट जाती है, गर्मी दूर होती है। वायरल कंजक्टीवाइटिस में भी यह लाभ करती है।
  • ग्वारपाठे (घृतकुमारी) के 1 ग्राम गूदे में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अफीम मिलाकर पोटली बांधकर पानी में भिगोकर आंखों में फिराने से और 1-2 बूंद आंखों के अंदर डालने से आंखों का दर्द ठीक हो जाता है।
20. गुलाब : गुलाब का रस 2-2 बूंद सुबह-शाम आंखों में डालने से आंखों के रोग समाप्त हो जाते हैं।
21. कटेरी : कटेरी के 20-30 ग्राम पत्तों को पीसकर उनकी लुग्दी बनाकर आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द दूर होता है।
22. लालमिर्च : आंखों में दर्द होने पर पर लाल मिर्च को पीसकर उसका गाढ़ा लेप बना लें और उस लेप को पैर के अंगूठे के नाखून पर लेप करें। अगर दोनों आंखें दुख रही हो तो दोनों पैर के अंगूठे पर लेप करें।
23. पीपल : पीपल के पत्तों की जड़ में से जो दूध निकलता है, उसको आंखों में लगाने से आंखों का दर्द मिट जाता है।
24. अनार : अनार के पत्तों को पीसकर आंखों के ऊपर लेप करने से आंखों का दर्द ठीक हो जाता है।
25. पर्णबीज : पर्णबीज के पत्तों का रस आंखों के चारों तरफ लेप करने से आंखों के सफेद भाग का दर्द दूर हो जाता है।
26. सोंठ : आंखों के रोगों पर सौंठ और गेरू को पानी में पीसकर आंखों के बाहर लेप करने से आंखों के रोग खत्म हो जाते हैं।
27. त्रिफला : 6 ग्राम से 10 ग्राम महात्रिफला घृत (घी) सुबह-शाम बराबर मात्रा में मिश्री को मिलाकर सेवन करने से आंखों का दर्द, आंखों का लाल होना और आंखों की सूजन आदि रोग दूर होते हैं। इसके साथ ही त्रिफला के पानी से आंखों को रोजाना 2 से 3 बार धोना भी चाहिए।
28. बबूल :
  • बबूल के पत्तों को बारीक पीसकर उसकी टिकिया बनाकर रात को सोते समय आंखों पर बांधने से आंखों के दर्द और जलन में लाभ मिलता है।
  • बबूल के नर्म पत्तों को पीसकर, रस निकालकर 1-2 बूंद आंख में टपकाने से अथवा स्त्री के दूध के साथ आंख पर बांधने से पीड़ा और सूजन मिटती है। 
  • बबूल की पत्तियों को पीसकर टिकिया बनाकर रात को सोते समय आंखों पर बांध लें और सुबह उठने पर खोल दें। इससे आंखों का लाल होना और आंखों का दर्द आदि रोग दूर हो जाते हैं।
29. बकायन (बकाइन) :
  • बकाइन के फलों को पीसकर उसकी लुग्दी बना लें। इस लुग्दी को आंखों पर बांधने से आराम मिलता है।
  • बकायन के फलों को पीसकर छोटी सी टिकिया बनाकर आंखों पर बांधते रहने से पित्त के कारण होने वाला आंखों का दर्द समाप्त हो जाता है। अधिक गर्मी के कारण आंखों का दर्द भी इससे नष्ट हो जाता है।
  • आंखों से कम दिखाई देना और मोतियाबिंद पर इसके 1 किलोग्राम हरे ताजे पत्ते पानी से धोकर अच्छी प्रकार से साफ, कूट-पीसकर तथा निचोड़कर रस निकाल लें। इस रस को पत्थर के खरल में खूब घोंटकर सुखा लें। इसके बाद इसे पुन: 1-2 बार खरल करते हैं तथा खरल करते समय भीमसेनी कपूर 3 ग्राम तक मिला दें। इसको सुबह-शाम नेत्रों में अंजन करने से मोतियाबिंद तथा अन्य प्रकार से उत्पन्न दृष्टिमांद्य, आंखों से पानी बहना, आंखों का लाल होना, खुजली, रोहें आदि विकार समाप्त हो जाते हैं।