लौंग


लौंग



         लौंग का अधिक मात्रा में उत्पादन जंजीबार और मलाक्का द्वीप में होता है। लौंग के पेड़ बहुत बड़े होते हैं। इसके पेड़ को लगाने के आठ या नौ वर्ष के बाद ही फल देते है। इसका रंग काला होता है। यह एक खुशबूदार मसाला है। जिसे भोजन में स्वाद के लिए डाला जाता है। लौंग दो प्रकार की होती है। एक तेज सुगन्ध वाली दूसरी नीले रंग की जिसका तेल मशीनों के द्वारा निकाला जाता है जो लौंग सुगन्ध में तेज, स्वाद में तीखी हो और दबाने में तेल का आभास हो उसी लौंग का अच्छा मानना चाहिए।

परिचय :

संस्कृत    लवंग, देवकुसुम।
हिन्दी        लौंग।
मराठी        लवंग।
बंगाली        लवंग।
गुजराती   लविंग।
फारसी        दरख्ते मेहक।
अरबी     मिखकर्कन, फूल।
तैलिगी    लबंगाल।
लैटिन        कारेयाफाइलसएरों मटिकस्।
अंग्रेजी        क्लाब्ज।
वैज्ञानिक मतानुसार : लौंग गर्म होता है। यह पेट के दर्द को मिटाने वाला माना जाता है। गर्भवती स्त्रियों को उल्टी होने पर लौंग को गर्म पानी में भिगोकर उसका पानी पिलाने से लाभ होता है। इसके तेल की मालिश का असर सामान्य कपूर के तेल के समान होता है। इसका आसव बनाकर उसमें से सुगन्धित पदार्थ तैयार किये जाते हैं। कोको, चाकलेट, आइसक्रीम आदि खाद्य-पदार्थों में पाया जाने वाला बनावटी वेनीला एसेन्स लौंग से ही तैयार किया जाता है।