आंखों की पलकों का फड़कना



आंखों की पलकों का फड़कना

(EYELID’S CRAMPS)          


          स्नायविक कम्पन के कारण कभी-कभी आंखों की पलकें अपने आप कांपने लगती हैं जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यह कम्पन कभी-कभी इतना अधिक होता है कि देखने में कठिनाई होती है। कुछ लोगों का मानना है कि पुरुषों की दाहिनी (सीधी) आंख और महिलाओं की बायीं (उल्टी) आंख का फड़कना या कम्पन शुभ संकेत है।

विभिन्न औषधियों से उपचार:
1. जटामांसी : जटामांसी का काढ़ा लगभग 28 मिलीलीटर से 55 मिलीलीटर तक की मात्रा में रोजाना 2 से 3 बार पीने से पलकों का कम्पन (फड़कना) कम हो जाता है।
2. लहसुन :
  • 4 जवा (कली) लहसुन और 4 छिलके रहित एरण्ड के बीज लें, फिर उन्हें पीसकर दूध में अच्छी तरह उबालकर रोजाना रात को पिलाने से पलकों का कम्पन (फड़कना) ठीक हो जाता है।
  • सबसे पहले लहसुन को तेल में पका लें। उसके बाद उस तेल से पलकों की मालिश करने तथा वायविडंग और लहसुन की खीर बनाकर सेवन करने से पलकों का फड़कना ठीक हो जाता है।
3. महानींबू : 10 से 20 मिलीलीटर महानींबू (चकोतरा) का पत्र स्वरस (पत्तों का रस) पीने से पलकों का कम्पन (फड़कना) ठीक हो जाता है। महानींबू बिजौरा नींबू से भी बड़ा होता है इतना बड़ा कि फल का व्यास 15 से 20 सेमी तक होता है।
4. सोंठ : महारास्नादि के काढ़े में सोंठ को मिलाकर सुबह-शाम पीने से शरीर के किसी अंग की हिलते रहने की शिकायत तथा फड़कना आदि ठीक होता है। चाहे अंगुलियों की कंपन हो या पलकों का फड़कना। सभी ठीक हो जाते हैं।
5. मिश्री : 10 ग्राम गोघृत (गाय का घी) और 40 मिलीलीटर दूध लेकर अच्छी तरह उबाल लें। फिर गर्म-गर्म दूध के साथ मिश्री और 3 से 6 ग्राम असगंध नागौरी का चूर्ण सुबह-शाम सेवन किया जाए तो पूरी तरह से पलकों का फड़कना बंद हो जाता है।
6. हरीतकी : हरीतकी (हर्रे) को पानी में घिसकर अन्जनहारी (आंखों की पलकों) पर लेप करने से बहुत लाभ होता है।
7. सत्यानाशी : सत्यानाशी (पीला धतूरा) का दूध घृत (घी) में मिलाकर आंखों में लगाने से लाभ होता है।
8. पत्थरचटा : चाहे कितना ही भयानक रूप का आंख का रोग क्यों न हो गया हो पत्थरचटा के पत्तों को पीसकर आंख बंद करके पट्टी बांधने से काफी लाभ होता है।
9. हरड़ : त्रिफला का चूर्ण 7-8 ग्राम की मात्रा में नियमित रूप से पानी में डालकर रखें। सुबह उठकर थोड़ा मसलकर कपड़े से छान लें और छाने हुए पानी से आंखों को धोएं। इससे कुछ दिनों के बाद आंखों के सभी तरह के रोग ठीक हो जाते हैं।