खून का बहना
1. बिदारीकन्द: शरीर से खून अधिक निकलने पर बिदारीकन्द के चूर्ण में घी और चीनी मिलाकर दिन में 2 से 3 बार चाटने से रोग में लाभ होता है।चिकित्सा:
2. पारिजात: पारिजात की 3-4 कोमल पत्ती को 7 कालीमिर्च के साथ पीसकर पानी में मिलाकर पीने से खून का निकलना बंद हो जाता है।
मुलहठी की जड़ का चूर्ण और शर्करा को समान मात्रा में बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3 से 6 ग्राम तक लेकर चावल के धोवन के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है।
60 ग्राम मुलहठी और 20 ग्राम सोनागेरू को अलग-अलग पीसकर मिला लें। चावलों का धुला हुआ (माण्ड) पानी में 4 ग्राम मिश्रण मिलाकर पीने से खून का बहना बंद हो जाता है।
ताजा घाव हो, चोट, खरोंच, लगाकर घाव हो गया हो, उससे खून बह रहा हो। ऐसे घाव को फिटकरी के पानी से धोएं और घाव पर फिटकरी को पीसकर इसका पाउडर छिड़कने या बुरकने से रक्तस्राव यानी खून का बहना बंद हो जाता है।
शरीर में कहीं से भी खून बह रहा हो तो एक ग्राम फिटकरी पीसकर 125 ग्राम दही और 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर लस्सी बनाकर सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है।
नाक से, मुंह से, योनि से, गुदा से होने वाले रक्तस्राव (खून के बहने) में गूलर के दूध की 15 बूंदे 1 चम्मच पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
शरीर में कहीं से भी किसी कारण से रक्तस्राव (खून बहना) हो रहा हो, गूलर के पत्तों का रस निकालकर वहां पर लगाने से तुरंत खून का आना बंद हो जाता है।
मुंह में छाले हो अथवा खून आता हो या खूनी बवासीर हो तो 1 चम्मच गूलर के दूध में इतनी ही पिसी हुई मिश्री मिलाकर रोजाना खाने से रक्तस्राव (खून बहना) बंद हो जाता है तथा मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
1 कप गर्म दूध में आधा नींबू को निचोड़-कर दूध फटने से तुरंत पहले पीने से खून का बहना बंद हो जाता है। नोट: इस प्रयोग को 1 या 2 बार से अधिक न करें।
फेफड़े, आमाशय, गुर्दा, गर्भाशय और मूत्राशय (पेशाब एकत्रित होने का स्थान) से खून के आने पर नींबू का रस ठंडे पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खून का बहना बंद हो जाता है।