उच्च रक्तचाप
रक्त संचार के समय रक्त नलियों के भीतरी दीवार पर जो रक्त का दाब पड़ता उसे रक्तदाब या चाप कहते है। जब यह रक्तदाब सामान्य से गति से अधिक हो जाती है, तो उच्च रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर) कहते है।परिचय :
कारण:
लक्षण:
मांस, शराब, बीड़ी-सिगरेट, नमक, मिर्च, चाय, खट्टे पदार्थ, तेल, वनस्पति घी, गुड़, करेला, बैंगनी, मूली, मेथी, अरबी, उड़द, और चने की दाल आदि का प्रयोग न करें।
चिंता, शोक, क्रोध, संभोग, दिन में सोना, धूप में घूमना आदि हानिकारक है।
रात में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी सुबह पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) कम होता है और इसके नियंत्रण में सहायता मिलती है।
हल्के काम के बाद पूर्ण विश्राम करे। स्नान से पूर्व तेल की मालिश करें।
उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए चौलाई, पेठा, टिण्डा, लौकी आदि की सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इनमें रक्तचाप को नियंत्रित करने की शक्ति होती है।
सुबह-शाम को खुली हवा में घूमे तथा योगासन करें।
सप्ताह में एक बार फलों का जूस अवश्य लें।
1. पीपल: पीपल के पेड़ की छाल के चूर्ण को 2 चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में लाभ होता है।
2. नींबू :
100 मिलीलीटर (आधा कप) पानी में आधा नींबू निचोड़कर दिन में 2-3 बार 2-2 घंटे के अन्तराल में पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में तुरंत लाभ होता है।
नींबू का रस पीने से हार्ट-फेल का भय नहीं रहता है क्योंकि इससे रक्तवाहिनियों में कोलेस्ट्राल जमा नहीं होने देता है।
शहद मिले शर्बत में नींबू रस की कुछ बून्दें डालकर रोज सेवन करना उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में फायदेमंद है।
नींबू के रस में पानी मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में फायदेमंद होता है।
4. तरबूज के बीज:
एक कप तरबूज के रस में 1 चुटकी सेंधानमक डालकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) कम होता है।
तरबूज के बीजों के रस में एक तत्व होता है जिसे कुरकुर पोसाइट्रिन कहते हैं। इसका असर गुर्दों पर भी पड़ता है। इससे उच्चरक्तचाप कम हो जाता है। इसके अलावा टखनों के पास की सूजन भी ठीक हो जाती है।
तरबूज के बीज की गिरी और सफेद खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा मिलाकर रख लें। 3 ग्राम यानी 1 चम्मच की मात्रा से सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लें। इससे रक्तचाप कम होता है और रात में नींद अच्छी आती हैं। सिर दर्द भी दूर हो जाता है। तरबूज के बीज की गिरी खाते रहने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है। कोलेस्ट्रोल पिघलकर पतला होकर निकलने लगता हैं। रक्तवाहिनियों की कठोरता घटने लगती हैं और उनकी रचना में खराबी आनी रुक जाती है। वे मुलायम और लचकीली बनने लगती है। इसका प्रयोग आवश्यकतानुसार 3-4 सप्ताह तक लें।
7. लहसुन:
6 बूंदे लहसुन के रस को 4 चम्मच पानी में मिलाकर रोजाना 2 बार पीने से हाई ब्लडप्रेशर (उच्चरक्त चाप) के रोग में लाभ मिलता है।
लहसुन, पुदीना, जीरा, धनिया, कालीमिर्च और सेंधानमक की चटनी बनाकर खाने से ब्लडप्रेशर (उच्चरक्त चाप) दूर होता है।
लहसुन को पीसकर दूध में मिलाकर पीने से ब्लडप्रेशर (उच्चरक्त चाप) में बहुत लाभ होता है।
दिल का दौरा पड़ते ही लहसुन की चार कलियों को तुरंत चबा लेने से हार्ट फेल नहीं होगा। दौरा समाप्त हो जाने के बाद रोजाना कुछ दिनों तक लहसुन की दो कलियां दूध में उबालकर लें। आमतौर पर नंगे पैर फिरने वालों को ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होती है।
खाना खाने के बाद कच्चे लहसुन की एक-दो फॉके पानी के साथ चबाने या एक-दो बीज निकाली हुई मुनक्का में लपेटकर चबाने से उच्च रक्तचाप मिटता है। लहसुन की ताजा कलियां बढ़े हुए रक्तचाप को कम कर साधारण संतुलित अवस्था में रखने में मदद करती है। लहसुन की एक कली लेना अधिक अच्छा रहता है।
9. पपीता :
रोजाना 400 ग्राम पपीता खाने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में बहुत लाभ होता है।
केले के तने का रस निकालकर आधा कप सुबह-आधा कप शाम को पिएं। कुछ दिनों में रक्तचाप की शिकायत नहीं रहती है।
भोजन के बाद पके हुए पपीते का सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में बहुत लाभ होता है।
खाली पेट रोज पका हुआ पपीता खाने के बाद 2 घंटे कुछ न खाएं पीएं। ऐसा 1 महीने तक करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) ठीक होता है।
1 कप पपीते और गाजर के रस में आधा कप अनार या संतरे का रस मिलाकर उसमें 2-2 चम्मच तुलसी और लहसुन का रस मिला दें। इसे दिन में कुछ दिन लगातार 2 बार रोगी को देने से बिना किसी औषधि के रक्तचाप ठीक हो जाता है।
25 मिलीलीटर प्याज के रस में इतना ही शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कुछ सप्ताह में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) घटने लगता है।
प्याज का रस, शहद और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर शीशी में भरकर रखें। प्रतिदिन 10 ग्राम मिश्रण सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का प्रकोप शांत होता है।
प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोज 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 1 बार लेना रक्तचाप का प्रभावशाली इलाज है।
प्याज का रस 200 मिलीलीटर, शहद 200 ग्राम, पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम-तीनों को मिलाकर एक शीशी में भरकर रख लें। रोज 10 ग्राम की मात्रा में पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ मिलता है।
1 चम्मच प्याज का रस, 1 चम्मच लहसुन का रस और 1 चम्मच अदरक का रस, जरा-सा सेंधानमक मिलाकर सुबह-शाम पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या 8-10 दिन में खत्म हो जाएगी।
1 चम्मच प्याज का रस शहद के साथ दिन में 2 बार इस्तेमाल करें। यह उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में बहुत लाभकारी है।
12. निर्गुण्डी: निर्गुण्डी 10 ग्राम, लहसुन 10 ग्राम और सोंठ का चूर्ण 10 ग्राम मिलाकर 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर 50-60 मिलीलीटर की मात्रा में काढ़े को रोजाना पीने से उच्च उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) सामान्य होता है।
13. अश्वगंधा : अश्वगंधा चूर्ण 3 ग्राम, सूरजमुखी बीज का चूर्ण 2 ग्राम, मिश्री 5 ग्राम और गिलोय का बारीक चूर्ण (सत्व) 1 ग्राम मात्रा में लेकर पानी के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है।
14. टमाटर: एक कप टमाटर के रस में शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप की बीमारी 15 दिनों में चली जाती है।
15. गुलकन्द: उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन 25-30 ग्राम गुलकन्द खाने से कब्ज नष्ट होने के साथ बहुत लाभ होता है।
16. गाजर: गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है।
17. नीम:
आंवले का मुरब्बा खाने से उच्चरक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में लाभ होता है।
आंवले का चूर्ण 1 चम्मच, गिलोय का चूर्ण आधा चम्मच और 2 चुटकी सोंठ तीनों को मिलाकर गर्म पानी से सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) से लाभ होता है।
आंवले का चूर्ण एक चम्मच, सर्पगंधा 3 ग्राम, गिलोय का चूर्ण 1 चम्मच। तीनों को मिलाकर 2 खुराक सुबह-शाम इस्तेमाल करने से लाभ होगा।
आंवला को खाते रहने से अचानक हृदयगति रुकने की सम्भावना नहीं रहती और न ही उच्च रक्तचाप का रोग होता है।
21. सर्पगंधा (छोटी चन्दन) :
सर्पगन्धा (छोटी चन्दन) का चूर्ण 1 से 2 ग्राम रोज 1 खुराक सोने से पहले सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) की समस्या धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।
सर्पगंधा को कूटकर सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में खाने से बढ़ा हुआ उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) सामान्य हो जाता है।
आंवला 10 ग्राम, सर्पगंधा 10 ग्राम और गिलोय 10 ग्राम आदि को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इसमें से 2 ग्राम की मात्रा में चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से रक्तचाप कम होता है।
सर्पगन्धा, गिलोय और आंवला को समान भाग मिलाकर चूर्ण बनाकर रख लें। 1-1 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम खाने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है। इस ट्रीटमेंन्ट के दौरान गर्म चीजे न खायें।
सर्पगन्धा, आंवला, गिलोय, अर्जुन-वृक्ष की छाल, पुनर्नवा और आशकन्द बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद के साथ दिन में दो बार खाने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में लाभ होता है।
24. गाय का मूत्र : सुबह के समय 4 चम्मच ताजा गोमूत्र रोजाना पीने से 15 दिनों में ही उच्च रक्तचाप का रोग ठीक हो जाता है।
25. मेहंदी: उच्च रक्तचाप के रोगियों को पैर के तलवों पर मेहंदी लगानी चाहिए।
26. ककड़ी: गर्मी के मौसम में दो चम्मच ककड़ी का रस नित्य पीना चाहिए।
27. रस: नींबू, लहसुन और सेब का रस पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है।
28. हींग: निम्न रक्तचाप (लो ब्लडप्रेशर) में हींग का सेवन करने से पूरा लाभ मिलता है।
29. चावल: लंबे समय तक चावल खाते रहने से कोलेस्ट्राल कम हो जाता है और रक्तचाप भी ठीक रहता है।
30. जटामांसी: जटामांसी, ब्राह्मी और अश्वगंधा का चूर्ण समान मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार बार सेवन करने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है।
31. शहद:
शहद 2 चम्मच, नींबू का रस 1 चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में 2 से 3 बार सेवन करने से हाई बल्डप्रेशर (उच्च रक्त चाप) में लाभ होता है।
शहद शरीर पर शामक प्रभाव डालकर रक्तवाहिनियों की उत्तेजना घटाकर और उनको सिकुड़ाकर उच्च रक्तचाप घटा देता है। शहद के प्रयोग से हृदय सबल व सशक्त होता है, लगभग 7 दिनों तक प्रयोग करने से लाभ होता है।
33. सेब: हाई ब्लडप्रेशर होने पर 2 सेब रोज खाने से लाभ होता है।
34. केला :
36. ब्राह्मी: ब्राह्मी के पत्तों का रस 1 चम्मच की मात्रा में आधे चम्म्च शहद के साथ लेने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) ठीक हो जाता है।
37. सोयाबीन: आधा कप भुने सोयाबीन को नमक के साथ दो महीने तक लगातार सेवन करें। इससे ब्लडप्रेशर संतुलित रहता है। स्वाद बढ़ाने के लिए कालीमिर्च भी डाल सकते हैं। सिर्फ आधा कप रोस्टेड सोयाबीन खाने से महिलाओं का बढ़ा हुआ ब्लडप्रेशर कम होने लगता है। 8 हफ्ते तक सोयाबीन खाने से महिलाओं का 10 प्रतिशत सिस्टोलिक प्रेशर, 7 प्रतिशत डायस्टोलिक और सामान्य महिलाओं का 3 प्रतिशत ब्लडप्रेशर कम हो जाता है।
38. तुलसी :