पेट में वायु का बनना
14. बेल: बेल के पत्ते के 4 पीस, हरसिंगार की 4 पत्तियों को 1 कप पानी में चाय की तरह उबालकर रख लें। इस काढ़े में काला नमक मिलाकर पीने से लाभ होता है।
43. अरहर : अरहर को खाने से पेट की गैस की शिकायत दूर होती है।
44. घी-ग्वार : घी-ग्वार के गूदे को गर्म करके सेवन करने से लाभ होता है।
54. सोंठ : सोंठ 10 ग्राम, कालीमिर्च 10 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और सादा जीरा को बराबर लेकर बारीक पीस लें। उसमें 5 ग्राम शुद्ध हींग को घी में भूनकर मिला लें। उस चूर्ण को भोजन के बाद 1 चम्मच लेने से पेट की गैस में लाभ होता है।
55. तुलसी : तुलसी की 4 पत्तियां, 4 लौंग और कालीमिर्च के दानों को मिलाकर 1 कप पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े के सेवन से पेट की गैस में आराम मिलता है।
नोट-बैंगन की सब्जी मौसम में ही खानी चाहिए।
पेट में गैस या वायु की बीमारी पेट की मंदाग्नि (पाचनशक्ति की कमजोरी या अपच) के कारण होती है। शरीर में रोग तीन भागों से होते हैं। पहला- शाखा, दूसरा-मर्म, अस्थि और संधि तथा तीसरा- कोष्ठ (आमाशय)। वायु या गैस की बीमारी कोष्ठ से पैदा होती है। जब वायु (गैस) कोष्ठ में चलती है, तो मल-मूत्र का अवरोध, हृदय (दिल की बीमारी) रोग, गुल्म (वायु का गोला) और बवासीर आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं।परिचय :
कारण :
लक्षण :
दानामेथी और अजवायन समान मात्रा में पीसकर मिला लें इस मिश्रण की एक चम्मच में 5 बूंद कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह बिना खाये-पीए (निराहार) और रात को सोते समय जब तक लाभ नहीं हो, रोजाना पानी से फंकी लेते रहें। इसके सेवन के दौरान अरबी, आलू का सेवन न करें। इससे गैस में बहुत लाभ होगा।
एक चम्मच पिसी हुई मेथी और एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सुबह भूखे पेट 10 दिनों तक खाने से पेट में गैस का बनना बंद हो जाता है।
मेथी का साग खाने से गैस में लाभ होता है।
100 ग्राम मेथी के दानों को भूनकर, 25 ग्राम काला नमक मिलाकर बारीक पीसकर रख लें। फिर इसमें से आधा चम्मच चूर्ण खाना खाने के बाद सुबह-शाम पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
दानामेथी, अर्जुन की छाल, कैर और आंवला को बराबर लेकर पीसकर 1-1 चम्मच ठण्डे पानी से सुबह भूखे पेट फंकी लेने से गैस में आराम मिलता है। पेट का भारीपन दूर होता है और भूख लगने लगती है।
मूली और नमक को मिलाकर चटनी बना लें। इस चटनी को खाने से या कच्ची मूली का अचार गैस, अग्निमांद्य (भोजन का न पचना), अरुचि (भोजन का अच्छा न लगना) और पुरानी कब्ज में आराम देता है।
भोजन के साथ मूली पर नमक, कालीमिर्च डालकर 2 महीने तक रोजाना खाने से पेट की गैस में आराम मिलता है।
गैस की बीमारी से पीड़ित स्त्री-पुरुषों को भोजन के बाद मूली के रस में नींबू का रस और सेंधानमक मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है।
आधे कप पानी में 2 लौंग डालकर पानी में उबाल लें। फिर ठण्डा करके पानी पीने से लाभ होगा।
2 लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डालें। फिर कुछ ठण्डा होने हर रोज 3 बार सेवन करने से पेट की गैस में फायदा मिलेगा।
5 लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डालें। फिर कुछ ठण्डा होने पर तीन बार रोजाना पीने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
20. धनिया : 2 चम्मच सूखे धनिए के दानों को 1 गिलास पानी में उबालकर पानी को छानकर पीने से लाभ होता है।
अजवायन और काला नमक को छाछ के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
काला नमक और अजवायन समान मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में 1 कप छाछ के साथ दिन में 2 बार भोजन के बाद पिलाएं।
1 चम्मच अजवायन, 2 लाल इलायची के दानों को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को काले नमक और हींग को डालकर पीने से लाभ होता है।
अजवाइन 1 चम्मच को 1 गिलास पानी के साथ सुबह सेवन करने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
6 ग्राम पिसी हुई अजवाइन में 2 ग्राम कालानमक को मिलाकर खाना खाने के बाद गर्म पानी से फंकी के द्वारा लेने से पेट की गैस बाहर निकल जाती है। ध्यान रहे कि किसी भी रूप में अजवाइन लेनी जरूर होती है क्योंकि यह पेट में अफारा (गैस) को बनने नहीं देती है।
4 से 5 कालीमिर्च को पीसकर गर्म पानी में मिला लें। इसमें आधा नींबू को निचोड़कर पीने से लाभ होता है और गैस मिटती है।
कालीमिर्च के 4 पीस, 2 चुटकी कालानमक, 2 पूती लहसुन और थोड़ी-सा पोदीने को मिलाकर पीने से लाभ होता है।
10 पिसी हुई कालीमिर्च फांककर ऊपर से गर्म पानी में नींबू निचोड़कर सुबह-शाम पीते रहने से गैस का बनना बंद हो जाता है।
6 कालीमिर्च और 3 लौंग में स्वादानुसार नमक डालकर एक कप पानी में उबालकर पीने से गैस का बनना बंद हो जाता है।
कालीमिर्च और लहसुन की कली बराबर की मात्रा में पीसकर खाना खाने से पहले सुबह-शाम 1 चम्मच की मात्रा में कुछ दिनों तक सेवन करें।
कालीमिर्च और लहसुन को पीसकर पहले निवाले के साथ घी में मिलाकर खाने से वायु रोग खत्म होता है। ठीक मात्रा में कालीमिर्च खाने से वायु रोग की पीड़ा कभी नहीं होती है।
से गैस में लाभ होता है।
हींग, कालानमक और अजवायन को पीसकर चूर्ण बना लें। इसके सेवन करने
हींग को गर्म पानी में घोलकर नाभि (पेट का निचला भाग) के आस-पास लेप करें और 1 ग्राम हींग भूनकर किसी भी चीज के साथ खाने से लाभ होता है।
2 ग्राम हींग को आधा किलो पानी में उबाल लें। जब पानी थोड़ा-सा बचे पानी को गुनगुनी मात्रा में पीने से लाभ होता हैं।
हींग, जीरा और पीने का तम्बाकू को पीसकर काढ़ा बना लें। फिर इस काढ़ें को गुनगुना करके पेट पर लेप करने से पेट की गैस और दर्द में लाभ होता हैं।
एक कली लहसुन की रोजाना सेवन करने से गैस नहीं बनती है। पेट में अम्ल यानी एसिड बनता हो, तो लहसुन का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।
1 से 2 लहसुन की फांके (फली) को छीलकर बीज निकाली हुई मुनक्का के साथ भोजन करने के बाद, चबाकर खाने से ही कुछ समय के बाद ही पेट में रुकी हुई हवा बाहर निकल जाती है।
एक कली लहसुन में प्रवाल भस्म और शंख भस्म 2-2 ग्राम मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम को पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
एक गिलास पानी में 50 ग्राम पुदीना, 10 ग्राम अदरक के टुकड़े, 10 ग्राम अजवाइन को उबाल लें। बाद में थोड़ी-सी चीनी या गुड़ मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में से 2 चम्मच काढ़ा रोजाना खाना खाने के बाद पीने से पेट की गैस दूर हो जाती है।
एक गिलास गुनगुना पानी जितना पिया जा सके, लगातार कुछ सप्ताह तक खाना खाने के बाद पीते रहने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
44. घी-ग्वार : घी-ग्वार के गूदे को गर्म करके सेवन करने से लाभ होता है।
अजमोद के 3-6 ग्राम चूर्ण को 10 ग्राम गुड़ के साथ 3-4 बार सेवन करने से पेट का अफारा मिटता है।
अजमोद, छोटी पीपल, गिलोय, रास्ना, सोंठ, अश्वगंधा, शतावरी एवं सौंफ इन 8 पदार्थों को बराबर लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को डेढ़ ग्राम की मात्रा में लेकर 10 ग्राम गाय के घी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। इससे सभी प्रकार की गैस नष्ट होती है।
4 चम्मच पोदीने के रस में एक नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से गैस के रोग में आराम आता है।
सुबह एक गिलास पानी में 25 मिलीलीटर पोदीना का रस और 31 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस समाप्त हो जाती है।
60 ग्राम पोदीना, 10 ग्राम अदरक और 8 ग्राम अजवायन को 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें। उबाल आने पर इसमें आधा कप दूध और स्वाद के अनुसार गुड़ मिलाकर पीएं अथवा चौथाई कप पोदीने का रस आधा कप पानी में आधा नींबू निचोड़कर सात बार उलट-उलटकर पीयें। इससे भी गैस से होने वाला पेट का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।
20 मिलीलीटर पोदीने का रस, 10 ग्राम शहद और 5 मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर खाने से पेट के वायु विकार (गैस) समाप्त हो जाते हैं।
55. तुलसी : तुलसी की 4 पत्तियां, 4 लौंग और कालीमिर्च के दानों को मिलाकर 1 कप पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े के सेवन से पेट की गैस में आराम मिलता है।
सुबह जल्दी उठकर गर्म पानी में आधा नींबू को निचोड़कर पीयें।
उपवास (व्रत) रखें।
एनिमा लें।
रोजाना कमर तक पानी में 10 से 15 मिनट तक बैठे रहें।
गैस की बीमारी खत्म होने तक नियमित रूप से ठण्डे दूध के अलावा अन्य किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
रोगी को ठीक हो जाने पर भी 2 घण्टे के अंतर में एक बार कटे हुए फल खाने में देने चाहिए।
तली हुई चीजें, चाय, कॉफी और ऐल्कोहल का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
दर्द को नष्ट करने वाली और सूजन को रोकने वाली सारी औषधियां पूरी तरह बंद कर देनी चाहिए।
चिकनाई रहित छाछ और दही का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।- पेट पर चिकनी मिट्टी का लेप करें, जब मिट्टी सूख जाए तो उसे हटा दें। एक सप्ताह तक रोजाना मिट्टी से इलाज करें। इससे पेट में गैस बनना बंद हो जाएगी। मिट्टी को कपड़े की पट्टी पर लगाकर भी पेट से बांधा जा सकता है। इसे लगभग आधे घंटे तक अवश्य बांधा जा सकता है। फिर इसी पट्टी को सुबह या शाम को भी प्रयोग में लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि खाना खाने के बाद या नाश्ता करने के बाद मिट्टी का प्रयोग न करें।