खून की कमी
खून की कमी हरी सब्जियां न खाने के कारण होती है इसकी वजह से भूख नहीं लगती है।परिचय:
कारण:
लक्षण:
1. सहजन: सहजन के पत्तों को तोड़कर उसकी सब्जी बनाकर खाने से शरीर में लौह (आयरन) तत्व की कमी दूर होती है और शरीर में खून की कमी के कारण होने वाली बीमारी खत्म होती है।2. पीपल: पीपल का दूध बताशे में 4 बूंद डालकर खाने से खून की कमी दूर होती है तथा खून की कमी के कारण हुए रोग समाप्त हो जाते हैं।
3. चीकू: शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए प्रतिदिन 3 से 4 चीकू 8 से 10 दिन तक खायें।
4. टमाटर: टमाटर, पालक और गाजर का रस आधा-आधा कप प्रतिदिन 40 दिन तक पीने से खून की कमी के कारण हुए रोग में आराम मिलता है।
5. आंवला :
7. फालसा:
9. अड़ूसे: 1 कप पके अडूसों का रस निकालकर 8 दिन तक पीने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है।
10. आम:
12. चुकन्दर :
चुकन्दर थेरेपी के तहत पहले ध्यान रहें कि 2 दिनों तक उपवास रखें। इसके बाद 3 दिन तक किसी भी फल के जूस पर रहें। इसके बाद 200 मिलीलीटर चुकन्दर, 200 मिलीमीटर गाजर का रस दिया जाता है। यह मात्रा एक दिन के लिए होती है। शरीर में रक्त की कमी होने पर यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी है।
1 गिलास चुकन्दर का रस निकालकर प्रतिदिन पीने से खून की कमी के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
14. गाजर:
खून की कमी (एनीमिया) से पीड़ित रोगियों को 200 मिलीलीटर गाजर के रस में 100 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पिलाने से बहुत लाभ मिलता है।
300 मिलीलीटर गाजर का रस और 125 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पीने से जहरबाद, कारबन्कल, फोड़ा, प्रत्येक प्रकार का रक्तचाप, गुर्दे के रोग जैसे पेशाब बूंद-बूंद आना, पेशाब कम होना, पेशाब में सफेद पदार्थ सा जम जाना, सांस की नली की सूजन, कैंसर मोतियाबिन्द, सर्दी, जुकाम, कंठमाला (घेंघा रोग) और बवासीर आदि रोग दूर हो जाते हैं।
100 मिलीलीटर गाजर का रस और 30 मिलीलीटर चुकन्दर का रस मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
16. हीरा कसीस:
पिसा हुआ हीरा कसीस 10 ग्राम और लगभग 1 ग्राम के चौथे भाग में मलाई को मिलाकर रोजाना सुबह और शाम खाने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है।
50 मिलीलीटर नींबू के रस में 1 ग्राम हीरा कसीस पिसा हुआ मिलाकर रखें। इस मिश्रण को 10 बूंद आधा कप पानी में मिलाकर पीने से खून की कमी के कारण होने वाले रोग समाप्त हो जाते हैं।
28. खवस अलहरीद: धुला हुआ खवस अलहरीद 20 ग्राम और 60 ग्राम त्रिफला को कूट छानकर दोनों को लोहे की कढ़ाई में फैलाकर 250 से 300 ग्राम दही को मिश्रण के ऊपर डालकर 7 दिनों तक सुखायें और दिन में 3 से 4 बार उलट-पलट मिलाते रहें। सूख जाने के बाद कूट-छानकर इसमें 6-6 ग्राम पीपल, सोंठ, कालीमिर्च, पीसकर डाल दें। 3 ग्राम मिश्रण (दवा) प्रतिदिन सुबह-शाम एक गिलास छाछ (मठा) के साथ खाली पेट पीयें। इसको खाने से खून की कमी के रोगियों के लिये लाभकारी होता है।
29. कसीस: कसीस भस्म (राख) 24 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर खाने से खून की कमी दूर होती है।
30. पित्तपापड़ा: एक तिहाई कप के पानी में पित्तपापड़ा को मिलाकर पीने से खून की कमी के रोग में लाभ होता है।
31. दूध: एक पीस आंवला को दूध के साथ प्रतिदिन पीने से बीमारी दूर हो जाती है।
32. पौष्टिक भोजन: खून को बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन खाना चाहिए।
33. खीरा: खीरा, ककड़ी, प्याज, चुकन्दर, नींबू का रस, मूली, गाजर आदि का प्रयोग सलाद में करने से खाना खाने की अरुचि खत्म हो जाती है और रोगी अधिक खाना खाने लगता है।
34. चित्रक: चित्रक की जड़ की छाल को छाया में सुखाकर कूट-पीसकर रखें। इसके चूर्ण में 100 मिलीलीटर चित्रक का रस निकालकर मिला लें। यह मिश्रण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है।
35. अंगूर: 100 मिलीलीटर अंगूर का जूस (रस) पीने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है।
36. बेल पत्थर: बेल पत्थर के पत्तों के 5 ग्राम रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पाचनशक्ति ठीक होती है और खून में वृद्धि होती है।
37. कालानमक: 200 ग्राम कटे टमाटर में कालानमक मिलाकर खाने से पाचनशक्ति ठीक होती है और शरीर में खून की भी बढ़ोत्तरी होती है।
38. शहद: 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम आंवला को 200 मिलीलीटर गन्ने के रस में मिलाकर पीने से खून के रोग में लाभ होता है।
39. शक्कर: लाल चीता का चूर्ण आधा ग्राम रोजाना चीनी के साथ लेने से खून और मांस की बढ़ोत्तरी होती है।
40. मुलहठी: मुलहठी का चूर्ण आधा ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करने से खून में वृद्धि होती है।
41. कूठ: आधा से दो ग्राम कूठ के चूर्ण मेंघी व शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से शरीर में खून बढ़ता है।
42. आम्रपाक: 20 से 25 ग्राम की मात्रा में आम्रपाक खाना खाने से पहले 1 गिलास गाय के दूध में मिलाकर पीने से खून के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
43. मेथी:
45. गिलोय :
आधा गिलास पालक के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर 50 दिन सेवन करने से शरीर का रक्त (खून) साफ हो जाता है।
खून की कमी को पूरा करने के लिए पालक का रस 125 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 3 तीन बार देने से खून की कमी तो दूर होती ही हैं। इसके साथ ही चेहरे पर लालिमा, शरीर में उत्साह और स्फूर्ति पैदा होकर शक्ति का संचार और खून का बहना तेज हो जाता है। पालक का रस कच्चे पपीते में या छिलके सहित मूंग की दाल में डालकर सब्जी खाना लाभदायक है। पीलिया, उन्माद (पागलपन), हिस्टीरिया (मानसिक विकार), प्यास, जलन और पित्त ज्वरों में भी पालक लाभ करता है।
48. प्याज:
50. नींबू:
2 चम्मच नींबू के रस में आधा कप टमाटर के रस में मिलाकर प्रतिदिन 2 बार, 20 दिनों तक पीने से रोग में लाभ मिलता है।- नींबू और टमाटर का रस लाभ करता है। यदि आपके पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस बनती हो तो उन्हें एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है। खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं