दिल का तेज धड़कना
हृदय की धड़कने की क्रिया से ही हमारे पूरे शरीर में रक्त का संचालन होता है। यदि किसी दोष या बीमारी के कारण यह धड़कन सामान्य से तेज हो जाती है तो उसे बीमारी का रूप माना जाता है। इसमें सीने में भारीपन, दर्द एवं घबराहट का अनुभव होता है।परिचय :
कारण :
लक्षण :
भोजन तथा परहेज:
गेहूं की रोटी, हरी सब्जी, दलिया, फलों में सन्तरा, मौसमी, अनार, अनान्नास, सेब और सेब का मुरब्बा लाभकारी है।
इसके साथ ही तेल, गुड़, मिर्च, पान या पान मसाला, तम्बाकू, चाय, गैस बनाने वाली चीजे, खजूर, बादाम, पपीता, काजू, पिस्ता, चिलगोजे और अखरोट आदि गर्म मेवे नहीं देने चाहिए।
भोजन के साथ प्याज, अदरक तथा लहसुन का प्रयोग अवश्य करें।
5. देवदारू: देवदारू चूर्ण 3 से 6 ग्राम को सोंठ के साथ पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से हृदय रोग नष्ट होते हैं।
6. छोटी इलायची: छोटी इलायची का चूर्ण 1 से 2 ग्राम पिप्पलीमूल के साथ घी मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
7. जटामांसी:
10. सफेद गुलाब: सफेद गुलाब की पंखुड़ियों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से हृदय की धड़कन में लाभकारी होता है।
11. अर्जुन की छाल :
14. बरगद :
बरगद के कोमल हरे पत्तों को 10 ग्राम की मात्रा में पीसकर 150 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से तेज धड़कन सामान्य होती है।
बरगद के 10 ग्राम कोमल हरे रंग के पत्तों को 150 मिलीलीटर पानी में खूब पीसकर छानकर उसमें थोड़ी मिश्री को मिलाकर सुबह-शाम 15 दिनों तक सेवन करने से फायदा होता है।
16. अर्जुन की छाल: अर्जुन की छाल 500 ग्राम को कूट-पीसकर उसमें 125 ग्राम छोटी इलायची को पीसकर 20 ग्राम की मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम 3-3 ग्राम को खुराक के रूप पानी के साथ सेवन करने से तेज दिल की धड़कन और घबराहट नष्ट होती है।
17. असगंध: असगंध और बहेड़ा दोनों को कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण को थोड़े-से गुड़ में मिलाकर हल्के गर्म पानी से सेवन करने से दिल की तेज धड़कन और निर्बलता नष्ट होती है।
18. पीपरा मूल: पीपरा मूल और छोटी इलायची को 25-25 ग्राम मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन 3 ग्राम चूर्ण को घी के साथ मिलाकर सेवन करने से कब्ज की समस्या से उत्पन्न हृदय रोगों में लाभ होता है।
19. आंवला:
21. गाजर :
यदि दिल की धड़कन तेज मालूम पड़े और घबराहट बढ़ जाए, तो सूखा धनिया एक चम्मच और मिश्री एक चम्मच दोनों को मिलाकर सेवन करने से धड़कन सामान्य हो जाएगी।
3 ग्राम धनिये के चूर्ण में 3 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर ताजे पानी से सेवन करने पर दिल की तेज धड़कन में लाभ होता है।
हृदय की धड़कन यदि अधिक मालूम हो तो सूखा धनिया और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर नित्य एक चम्मच ठंडे पानी से लें।
24. टमाटर: टमाटर का सूप बीज निकालकर 250 ग्राम लें और अर्जुन के पेड़ की छाल का चूर्ण 2 ग्राम लेकर दोनों को अच्छी तरह मिलाकर सुबह के समय सेवन करने से दिल की धड़कन में रोगी को लाभ होगा।
25. इलायची: इलायची के दानों का चूर्ण आधा चम्मच शहद के साथ चाटने से घबराहट दूर हो जाती है।
26. सेब: 100 मिलीलीटर सेब के रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर पी जाएं।
27. सफेद इलायची : सफेद इलायची का 3 ग्राम की मात्रा में चूर्ण को लेकर गाय के दूध के साथ सेवन करने से धड़कन में आराम होता है।
28. कपूर: यदि दिल तेजी से धड़कता हुआ मालूम पड़े, तो थोड़ा-सा कपूर सेवन करें।
29. अंगूर:
32. किशमिश: 50 ग्राम किशमिश गर्म पानी में मथकर या उबालकर सेवन करें। किशमिश हृदय को बल देती है।
33. बहेड़ा: बहेड़े के पेड़ की छाल का चूर्ण 2 चुटकी प्रतिदिन घी या गाय के दूध के साथ सेवन करने से हृदय की बीमारी में आराम मिलता है।
34. पिस्ता: पिस्ता हृदय की धड़कन कम करता है। रात को 5 पिस्ता पानी में भिगो दें। सुबह पानी फेंक दें केवल पिस्ता खायें ऊपर से दो घूंट पानी पीयें।
35. गुलाब:
50 ग्राम गुलाब के सूखे फल, 100 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण के 2-2 चम्मच चूर्ण को सुबह-शाम गर्म दूध से फंकी लेने से दिल का धड़कना सही हो जाता है।
एक गुलाब के फूल को बासी मुंह चबाकर खा जाएं।
यदि दिल बहुत धड़कता हो तो गुलाब के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच गाय के दूध से दिन में 2 बार देने से दिल का ज्यादा धड़कना कम हो जाता है।