रक्तवमन (खून की उल्टी) khoon ki ulti

रक्तवमन (खून की उल्टी)


          उल्टी के साथ खून आने को खून की उल्टी कहते हैं। इसके होने की कई वजह होती हैं। यक्ष्मा (टी.बी.रोग) में खांसी के साथ-साथ बलगम में खून भी आ जाता है। आंतों में गैस की उत्तेजना से कभी-कभी खून की नली फटने से या रक्तपित्त दोष (खून में गर्मी) से भी खून की उल्टी हो जाती है।परिचय:

1. अडूसा : अडूसे के पत्तों के रस में शहद को मिलाकर सेवन करने से खून की उल्टी होना बंद हो जाती है।
2. केला : मुलायम केला खाने से खून की उल्टी होना रुक जाती है।
3. कपूर : 2 ग्राम कपूर और 1 ग्राम भांग को पीसकर पानी में मिलाकर मूंग की दाल के आकार की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें और 1-1 गोली हर 3-3 घंटे के बाद पानी से लेने से खून की उल्टी में आराम आता है।
4. अंकोल : अंकोल में मिश्री मिलाकर पीने से मुंह से खून आना बंद हो जाता है।
5. ढाक : ढाक के ताजे रस में मिश्री मिलाकर पीने से खून की उल्टी होना बंद हो जाती है।
6. पेठा : पेठे का रस पीने से खून की उल्टी होना बंद हो जाती है।
7. शहद : लाख के पानी में शहद मिलाकर पीने से खून की उल्टी होना बंद हो जाती है।
8. फिटकरी : भुनी हुई फिटकरी को सुबह-शाम 1-1 ग्राम की मात्रा में पानी से लेने से आराम आता है।
9. बेर : बेर की मींगी (बीज) को नाशपाती के शर्बत में डालकर पीने से खून की उल्टी बंद हो जाती है।
10. मुल्तानी मिट्टी: 50 ग्राम पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी को 250 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें, इसे 1 घंटे के बाद छान लें। फिर इस पानी को 3-3 चम्मच सुबह, दोपहर और शाम रोगी को देने से खून की उल्टी के रोग में लाभ होता है।
11. वनगोभी: लगभग 50 ग्राम वनगोभी को पीसकर रोगी को खिलाने से खून की उल्टी होना बंद हो जाती है।
12. चन्दन: सफेद चन्दन को पीसकर उसकी गोली बनाकर दिन में 2 से 3 बार रोगी को खिलाने से रुधिर वमन यानी खूनी उल्टी समाप्त हो जाती है।
13. छोटी माई: 2 से 4 ग्राम की मात्रा में छोटी माई के चूर्ण को सुबह और शाम खाने से खून की उल्टी और खून की गर्मी दूर होती है।
14. आमलकी :
15. वासा (अड़ूसा): लगभग 7 से 14 मिलीलीटर वासा के पत्तों के रस को 4 से 6 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार पीने से खून की उल्टी बंद हो जाती है।
16. मुलेठी:
17. फूलगोभी: फूलगोभी की सब्जी खाने से या कच्ची ही खाने से खून की उल्टियां बंद हो जाती हैं।
नोट: टी.बी. रोगियों को गोभी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
18. बरगद: